रेस्टोरेंट मालिक की हत्या के लिए शूटर को सिपाही ने दिया था हथियार,तीन गोलियां… एक मौ’त और एनका’उंटर”… ‘चौपाटी’ म’र्डर केस की पूरी कहानी….

ओमप्रकाश/राँची// राजधानी राँची के कांके रोड में बिरयानी विवाद के चलते हुए हत्याकांड ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दिया है। शनिवार (18 अक्टूबर) की देर रात कांके – पिठोरिया रोड स्थित चर्चित शेफ चौपाटी रेस्टोरेंट के संचालक विजय कुमार नाग की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद फरार अपराधियों की तलाश में राँची पुलिस ने ताबड़तोड़ अभियान चलाया। एसएसपी राकेश रंजन के निर्देश पर ग्रामीण एसपी प्रवीण पष्करने एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। उसके बाद टीम ने छापेमारी करते हुए अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन आरोपियों में से एक हरेंद्र सिंह है, जो झारखण्ड पुलिस का निलंबित सिपाही है। अधिकारियों के अनुसार, हरेंद्र ही वह व्यक्ति है, जिसने मुख्य शूटर अभिषेक को हथियार सप्लाई किया था। पुलिस ने इस चर्चित हत्याकांड में शामिल अपराधी अभिषेक सिंह को मुठभेड़ के बाद पकड़ा है।
अभिषेक को दोनों पैरों पर लगी गोली…
रविवार (19 अक्टूबर) की रात राँची पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर कांके -रातू रिंग रोड स्थित आईटीबीपी कैंप के पास घेराबंदी की थी। इस दौरान अभिषेक सिंह ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई और उसके दोनों पैर में गोली लगी। घायल अवस्था में अभिषेक को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके पास से एक पिस्टल और उसकी कार बरामद की है। जांच के क्रम में पुलिस ने अभिषेक के साथी प्रशांत कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि बिरयानी के ऑर्डर को लेकर रेस्टोरेंट संचालक विजय नाग के साथ बहस हुई थी। विवाद इतना बढ़ा कि उसने गुस्से में गोली चला दी, जिससे विजय नाग की मौके पर ही मौत हो गई।
निलंबित सिपाही हरेंद्र निकला हथियार सप्लायर…
प्रशांत और अभिषेक की निशानदेही पर पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक आरोपी सिपाही हरेंद्र सिंह है जो निलंबित है। बता दे कि हरेंद्र न केवल अपराधियों को हथियार सप्लाई करता था, बल्कि जमीन कब्जा और अवैध सौदों में भी लिप्त था। उसके खिलाफ राँची और पलामू जिले के कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस ने हरेंद्र सिंह के पास से एक राइफल, दो पिस्टल, एक देशी कट्टा, दर्जनों गोलियां, करीब 2 लाख रुपए नकद और एक इनोवा कार बरामद किया है। चौथा आरोपी अमित ठाकुर भी गिरफ्तार किया गया है, जिसने पूरी घटना में सहयोग किया था। सोमवार को ग्रामीण एसपी प्रवीण पुष्कर ने प्रेसवार्ता कर पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक इस हत्याकांड में कुल चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या यह हत्या सिर्फ बिरयानी विवाद का नतीजा थी, या इसके पीछे कोई बड़ा जमीन विवाद या फिर आपराधिक नेटवर्क की कोई गहरी साजिश भी छिपी है। जिसकी जांच जारी है। वहीं सूत्रों की माने तो ये पूरा विवाद जमीन से जुड़ा हो सकता है। क्योंकि जमीन माफिया हरेंद्र सिंह एक बड़े जमीन को कब्जा करने के फिराक में था। हालांकि पुलिस की जांच जमीन से सम्बंधित भी जारी है। सूत्र के अनुसार हरेंद्र सिंह पहले एक जमीन कारोबारी का बॉडीगार्ड था। वहीं से जमीन के धंधे में जुड़ गया। उसके बाद पुलिस की नौकरी में ध्यान देना छोड़ दिया और जमीन खरीद बिक्री और कब्जे पर ध्यान देने लगा।
झारखंड पुलिस में सिपाही था हरेंद्र…
ग्रामीण एसपी प्रवीण पष्करने बताया कि हरेंद्र सिंह पहले झारखण्ड पुलिस में सिपाही था और पिछले पांच साल से वह निलंबित है।अभिषेक ने कबूल किया कि हरेंद्र सिंह ने उसे हथियार मुहैया कराया था। हरेंद्र का आपराधिक इतिहास रहा है तथा उसके खिलाफ अरगोड़ा, गोंदा, कांके और पलामू के पाटन में तीन मामले लंबित हैं। वही अभिषेक सिंह बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला है और उसका आपराधिक इतिहास भी रहा है। अभिषेक हरेंद्र के लिए काम करता है। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस ने कांके और पिठोरिया थानों में चार आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके कब्जे से चार पिस्तौल, 31 कारतूस, एक राइफल, दो लाख रुपये नकद, दो वाहन और चार मोबाइल फोन जब्त किए हैं। इस मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है।