तरारी प्रखण्ड के पशुपालक लम्पी बिमारी से त्रस्त्र ,पशु चिकित्सक दो जगहो के चार्ज में मस्त।…
गुड्डू कुमार सिंह:-आरा ।तरारी प्रखण्ड के वरसी ,बिष्णपुरा ,इमादपुर मिल्की टोला ,नावाडीह ,करथ समेत कई गांवों के पशुपालक लम्पी बिमारी से तस्त्र है ,वही पशु चिकित्सक दो जगहो के चार्ज के नाम पर मस्त है ।पशु पालको की माने तो तरारी प्रखण्ड के कई गाँवों के गायों में लंपी वायरस बीमारी का लक्षण मिलने लगा है। जिससे पशुपालकों में दहशत का माहौल बनता जा रहा है। तरारी प्रखण्ड निजी पशु चिकित्सक के भरौसे अपने पशुओं का ईलाज संस्ती दर के बदले महगें ईलाज कराने को विवश है । पशुपालकों की माने तो गाय के शरीर पर गांठे जैसा होने लग रहा है। बुखार तेज होने के कारण पशु खाना-पीना छोड़ दे रहे हैं।
जिससे पशु एकदम से कमजोर हो जा रहे हैं। समय पर उचित इलाज नहीं हाेने पर मौत के कागार पर पहुंच जा रही है। निजी पशु चिकित्सकाें के भरोसे पशु पालकों का इलाज हो रहा है। लंपी वायरस से संक्रमित पशु को इलाज कराने में एक पशु में करीब पांच से सात हजार रु खर्च हो जा रहा है। तरारी के पशु चिकित्सक ओम प्रकाश से दूरभाष पर इस बारे में जानना चाहा तो उधर सें उनकी बेटी का कहना है कि पापा अभी सोए हुए है ।इस स्थिति में कैसे होगा तरारी के पशुपालको का उदार ,।करथ मुखिया प्रतिनिधी सिटू का झ्स मामलें में कहना है की मै खुद इस बिमारी का भुक्त भोगी हूँ ,मेरी गाय व बछडा दोनो इस बिमारी से त्रस्त्र है ,ईलाज के नाम पर काफी खर्च कर चुका हूँ फिर भी कोई सुधार नही दिख रहा है।वही बिष्णपुरा गाँव निवासी समाजसेवी सह पशुपालक संजय सिंह का कहना है कि मेरे गाँव के कई पशु पालक झ्स बिमारी की चपेट सें अपने लाखों रूपये की पुँजी गवाने के कागार पर पहुँच चुके है।वही टिकाकरण के बारे में जानना चाहा तो पशुपालको का कहना है कि टिकाकरण के नाम पर तरारी में केवल खानापूर्ती की गई है।अस्पताल पहुँचने पर डा० साहब से मुलकात नही हो पाती ।पता नही इस बिमारी से हमे कैसे निजात मिल पायेगा।