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किशनगंज : छूटे हुए बच्चों को खिलाई गयी कृमिनाशक दवा, 1 से 19 वर्ष के 10.41 लाख बच्चों को दवा खिलाने का है लक्ष्य..

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए 22 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर बच्चों के पेट में कीड़ा मारने की दवा खिलाने का अभियान शुरू किया गया था। इसी क्रम में जिलेभर में आज दवा से छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाई गयी। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का उद्देश्य बच्चों के समग्र स्वास्थ्य, पोषण की स्थिति, शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी है। जिले के सभी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 1 से 19 वर्ष के 10.41 लाख बच्चों को विद्यालय जाने से पहले और विद्यालय आयु के बच्चों (नामांकित तथा गैर नामांकित) को कीड़े समाप्त करने की दवा (कृमि नाशक) खिलाने का लक्ष्य है। मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने जानकारी देते हुए बताया की बच्चों में कृमि संक्रमण अस्वच्छता तथा दूषित मिट्टी के संपर्क में आने से होता है। कृमि संक्रमण से बच्चों के पोषण स्तर तथा हीमोग्लोबिन स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ता है। जिससे बच्चों में शारीरिक व बौद्धिक विकास बाधित होती है। कार्यक्रम के दौरान कोविड-19 द्वारा निर्गत निर्देश जैसे-सामाजिक दूरी, व्यक्तिगत स्वच्छता, मास्क, सैनिटाइजर का इस्तेमाल आदि का पालन किया जा रहा है।

दवा का सेवन कराते समय बरती जा रही यह सावधानी :

सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया छूटे हुए बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरती जा रही है। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गम्भीर बीमारी का इलाज चल रहा और वह नियमित रूप से दवा खा रहा, कोई भी बच्चा सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ से बीमार है तो, उसे यह दवा नहीं खिलाई जा रही है। साथ ही बच्चा अगर कोविड-19 ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसकी भी पुष्टि करनी होगी। दवा नुकसान नहीं करेगी लेकिन सावधानी के तहत ऐसे बच्चों को दवा नहीं दी जा रही है। 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली को चूरा बनाकर पानी के साथ, 2 से 3 वर्ष को एक पूरी गोली चूरा बनाकर पानी के साथ तथा 3 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर खिलायी जानी है।

कृमि संक्रमण के लक्षण :

  • कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं।
  • बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
  • बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं।
  • बच्चों की शारीरिक व मानसिक।
  • विकास भी बाधित हो जाती है।
  • बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है।

कृमि संक्रमण से बचाव के उपाय-

  • नाखून साफ और छोटे रखें।
  • हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीएं, खाने को ढक कर रखें।
  • साफ पानी में फल व सब्जियां धोएं।
  • अपने हाथ साबुन से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद।
  • घरों के आसपास साफ-सफाई रखें।
  • खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें।

ऐसा होने पर घबराने की जरूरत नहीं :

सिविल सर्जन डॉ किशोर ने बताया दवा खिलाते समय यह ध्यान रखा जा रहा कि बच्चे दवा को चबाकर खाएं। जिन बच्चों के पेट में कीडों की अधिकता होगी उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर मामूली लक्षण सामने आयेंगे, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे दवा खाने के बाद जी मचलाना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त और थकान महसूस होना, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पेट में कीड़ा होने के कारण यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चों को आराम की सलाह दें तथा उसे लेट जाने को कहें। 10 मिनट में समस्या स्वयं ही दूर हो जाएगी।

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