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ठाकुरगंज : रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी दुर्घटना को दे रही दावत, वही बेरोकटोक क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों का परिचालन धड़ल्ले से जारी।

इंट्री माफिया पास, प्रसाशन फेल।

परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण ओवरलोडेड वाहनों के चलने से जहां राजस्व की हानि होती है। वहीं सड़क पर भी दवाब बढ़ता है। जिससे सड़क जर्जर होने लगती है। आम लोगों की मांग है कि ऐसे ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाया जाए। पर सवाल यहाँ यह है कि ओवरलोड वाहन पर रोक लगाएगा कौन, संबंधित विभाग या आम लोग ?

  • पौआखाली, डे मार्केट, पौआखाली बाजार से होकर अहले सुबह से ही ओवरलोड वाहनों का परिचालन होने लगता है शुरु।
  • स्थानीय प्रशासन कार्रवाई के प्रति दिखा रही है उदासीनता।
  • जबकि पुलिस को बालू लदे ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की शक्ति नियम 56 (3) के तहत दी गई है। इसके बावजूद भी कार्रवाई नजारत नजर आ रही हैं। आखिर पौआखाली पुलिस ओवरलोड वाहन पर क्यों नहीं कार्रवाई कर रही है यह बड़ा सवाल ?

किशनगंज, 03 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, अररिया गलगलिया सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर जिसके कारण बुधवार को ताराबाड़ी चौक से होकर (दिघलबैंक प्रखंड) डंपर द्वारा ले जा रहे ओवरलोड बालू मिट्टी भीगा होने के कारण रास्ते में ही गिरते रहते हैं और सूखने के बाद जब वाहनें सड़कों पर चलती है तो धूल के बड़े-बड़े गुबारे उठते हैं जिसके कारण सामने से आ रही वाहनें दिखाई नहीं देती है जिससे दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारियों द्वारा नियमित रूप से धूल वाली जगह पर अगर पानी का छिड़काव कर दिया जाए तो दुर्घटना की आशंका कम हो जाएगी। वही परिवहन नियमों को ताक पर रखते हुए ओवरलोड डंपर भीगे हुए बालू मिट्टी को लेकर सड़कों पर दौड़ रही है ऐसा लग रहा है कि परिवहन विभाग ने इनके लिए नियम अलग से बनाए हुए हैं। तभी तो न परिवहन विभाग और ना ही स्थानीय पुलिस ओवर लोड पर कार्रवाई करती नजर नही आती है। चाहे इंट्री माफिया द्वारा सरकार का नुकसान क्यों न करवाया जाता हो, मानो नियम कायदे कानून का कोई फ़िक्र नहीं है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या नियम और कानून सिर्फ और सिर्फ आम लोगों के लिए ही बनाए गए हैं या फिर परिवहन में सभी के लिए नियम और कानून एक समान है ? गौरतलब हो कि इन दिनों एनएच व ठाकुरगंज-मुरारीगच्छ मार्ग पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन चरम पर है। जिस पर कार्रवाई कहे या खानापूर्ति कभी कभार देखने को मिलती है। जिसके कारण इसमें अब सिलीगुड़ी व सीमावर्ती क्षेत्रों के गुर्गो (इंट्री माफिया-पशु तस्कर) की फौज देर रात्रि से अहले सुबह तक एनएच व ठाकुरगंज-मुरारीगच्छ मार्ग पर ठाकुरगंज-बहादुरगंज रूट पर देखे जा रहे हैं। जिनपर कार्रवाई तो दूर उनके वाहनों की जांच भी सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित पुलिस द्वारा नहीं की जाती। बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में ओवरलोड बालू, मिट्टी, गिट्टी व अन्य समानों का परिचालन खुलेआम बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिसके कारण एनएच 327 ई के पिपरीथान से गलगलिया चेकपोस्ट के समीप वाहनों की कतार लगने के कारण चार पहिया वाहनों के सफर में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक संयुक्त टीम द्वारा गुप्त रूप से ठोस व कड़ी कार्रवाई नही की जाएगी तब तक ओवरलोड वाहनों का खेल इसी तरह चलता रहेगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंट्री माफिया ओवरलोड वाहन के जुर्माना की राशि से कई गुणा मुनाफा ओवरलोडिग से कमा रहे हैं, जिसका जुर्माना के बाद भी कोई असर वाहन संचालकों पर या इंट्री माफिया पर नहीं दिख रहा है। जब तक कार्रवाई नही होगी इसी तरह रोज खबरे प्रकाशित किया जाता रहेगा। आखिर कब तक जागती है विभाग देखना दिलचस्प होगा।

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