ठाकुरगंज : दिन दहाड़े खनन माफिया अवैध खनन कर सरकारी राजस्व पर डाल रहा डाका, स्थानीय प्रशासन मौन

किशनगंज-ठाकुरगंज/फरीद अहमद, जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत पौआखाली थाना क्षेत्र के बांसबाड़ी गांव के बीच में जेसीबी से अवैध खनन किया जा रहा है। खनन माफियाओं का वर्चस्व इतना है कि बीते कई दिनों से लगातार सरकार के राजस्व पर डाका डालते हुए जेसीबी द्वारा अवैध खनन करवाया जा रहा है। आए दिन अवैध खनन से जुड़े मामले प्रकाश में आते रहते हैं लेकिन इस पर कभी कोई ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। अवैध खनन के कारण क्षेत्र धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होती जा रही है और सरकारी राजस्व में भी लाखों रुपए का डाका डाला जा रहा है। पौआखाली थाना क्षेत्र के बांसबाड़ी गांव के बीच में जेसीबी लगाकर अवैध खनन कर ट्रैक्टर द्वारा ले जाया जा रहा है। सूत्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार अवैध खनन कर बालू निर्माणाधीन रेलवे लाइन में भरा जा रहा है। सूत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ स्थानीय खनन माफियाओं द्वारा ही बीते कई दिनों से गांव के बीच में जेसीबी लगाकर खनन करवाया जा रहा है। खनन मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन भी मौन नजर आ रही है। वहीं इस संबंध में जिला खान निरीक्षक से भी दूरभाष के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु फोन स्विच ऑफ आ रहा है। लगातार अवैध खनन से क्षेत्र की खेतिहर जमीन विलुप्त होती जा रही है लेकिन इसकी किसी को कोई चिंता नहीं है। खनन माफिया सरकार के राजस्व पर डाका डालकर अपनी जेब को गर्म कर रहे हैं।खनन माफियाओं को ना तो कानून का भय है और ना ही नियमों का डर। क्योंकि खनन माफियाओं के विरुद्ध पौआखाली थाना क्षेत्र में कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण खनन माफियाओं के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं और लगातार खनन माफिया अपना जेब गर्म करते हुए सरकारी राजस्व पर डाका डाल रहे हैं। जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व का नुकसान हो रहा है। खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि दिन के उजाले में जेसीबी द्वारा उत्खनन कर दर्जन भर ट्रैक्टर से ले जाया जाता है लेकिन इस पर कोई सुध लेने वाला नहीं है और यह गोरखधंधा दिन के उजाले में ही किया जा रहा है। इससे पूर्व भी उक्त थाना क्षेत्र के उक्त स्थल को लेकर कई बार खनन संबंधित न्यूज़ प्रकाशित किया गया परंतु कोई कार्रवाई नजर नहीं आई। जिसके कारण खनन माफियाओं के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते गए और छोटे पैमाने से उत्खनन को अब बड़े पैमाने पर उत्खनन को अंजाम देने लगे हैं। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है और खनन माफियाओं पर कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि खनन को रोका जा सके और सरकार के राजस्व में हो रही क्षति को भी बचाया जा सके।