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किशनगंज में बालू माफियाओं का आतंक, खनन विभाग और पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

किशनगंज,13मई(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के दिघलबैंक और पोठिया अंचलों में अवैध बालू खनन एक बार फिर सुर्खियों में है। स्थानीय नागरिकों द्वारा जिलाधिकारी विशाल राज को दिए गए एक आवेदन में आरोप लगाया गया है कि नैनभिट्टा, मिर्जाभिट्टा, धोबीडंगा, बारह कनिया, गोरुखाल, जागीरगछ और भासीबाड़ी आदिवासी टोला जैसे क्षेत्रों में रात के अंधेरे में जेसीबी मशीनों से अवैध रूप से बालू निकाला जा रहा है। इस अवैध कारोबार से प्रतिदिन लाखों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है।

खनन और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप

आवेदनकर्ता ने आरोप लगाया है कि यह अवैध खनन कार्य खनन विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से संभव हो पा रहा है। उन्होंने इसे राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए नए खनन कानून का खुला उल्लंघन बताया है।

भासीबाड़ी आदिवासी टोला पर संकट

खासकर शीतलपुर पंचायत के भासीबाड़ी आदिवासी टोला में हो रहे अवैध खनन से ग्रामीणों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। भारी मात्रा में बालू खनन के कारण क्षेत्र में भूमि कटाव और प्राकृतिक असंतुलन बढ़ गया है, जिससे लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

कानूनी कार्रवाई की मांग

आवेदन में मांग की गई है कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले का तत्काल संज्ञान ले और अवैध खनन में संलिप्त माफियाओं तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही यह भी अपेक्षा की गई है कि बालू खनन पर रोक लगाने के लिए स्थायी और पारदर्शी व्यवस्था लागू की जाए।

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि कहीं न कहीं इस अवैध धंधे को संरक्षण प्राप्त है। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगी, तो यह न केवल पर्यावरण बल्कि सामाजिक ढांचे को भी गहरी क्षति पहुंचा सकता है।

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