
मुकेश कुमार/जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा बुजुर्गों,विधवाओं एवं दिव्यागंजों के लिए समाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को 400 रुपए से बढ़ाकर 1100 रुपया किए जाने पर उनका आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हमेशा से समाज के कमजोर तबकों का कल्याण करने वाले हमारे मुख्यमंत्री ने पेंशन राशि में बढ़ोतरी कर करीब 1 लाख 9 हजार परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया है। नीतीश सरकार ने डीबीटी के जरिए पेंशन वितरण को पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाया है जो सुशासन का प्रतीक है । इसके विपरित लालू-राबड़ी शासनकाल में समाजिक सुरक्षा योजनाएं अव्यवस्था एवं भ्रष्टाचार की शिकार थी जहां लाभार्थियों को पेंशन के लिए दर-दर भटकना पड़ता था।
यह वही समाजिक सुरक्षा है, जिसकी चर्चा नेता प्रतिपक्ष सिर्फ भाषणों और वादों में करते हैं, लेकिन जब सरकार में रहने का मौका मिला तो ना कभी इसे प्राथमिकता दी और ना ही इन वर्गों की सुध ली। नेता प्रतिपक्ष से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की कल्याणकारी योजनओँ पर सवाल उठाने वाले तेजस्वी यादव को ये बताना चाहिए कि उनके माता-पिता के शासनकाल में क्या ऐसी कोई योजना चलाई गई थी? क्या लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की सरकार ने समाज में रह रहे असहायों के आंसुओं को पोंछने का काम किया था? हमारे मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने उन्हें 37 महीनों का राजनीतिक रोजगार दिया तो क्या नेता प्रतिपक्ष ने सरकार में रहते क्या विधवाओं, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों के हित में इस राशि को बढ़ाए जाने की बात उठाई थी?
उन्होंने कहा कि महज चुनावी फायदे के लिए दलित, पिछड़ों, अति पिछड़ों एवं महिला कल्याण की बात करने वाले नेता प्रतिपक्ष को चुनाव के समय ही उनकी याद आती है। जबकि हमारे मुख्यमंत्री दिन-रात समाज के कमजोर तबकों की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय जनता दल केवल बयानबाजी और ट्वीट की राजनीति में व्यस्त है, जबकि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार मूक रूप से काम करते हैं और जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नीतिगत फैसले लेते हैं। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने हमेशा से समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान को प्राथमिकता दी है और यह कदम उनकी संवेदनशीलता और सुशासन की प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है। नीतीश सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पेंशन राशि समय पर और पारदर्शी तरीके से वितरित हो। यह निर्णय ना केवल वृद्धजनों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी बल्कि उनके आत्मसम्मान एवं सामाजिक सुरक्षा को भी मजबूत करेगी।उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही है और समझ रही है कि कौन वाकई उनके हित में खड़ा है और कौन सिर्फ चुनाव के समय ‘जुमले’ देता है।