ग्रीष्मकालीन कार्यशाला बच्चों के भविष्य निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल: मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद
12 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारंभ

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/पटना। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार तथा भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना के संयुक्त तत्वावधान में 12 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
बच्चों और उनके अविभावकों से खचाखच भरे सभागार में कार्यशाला का उद्घाटन माननीय श्री मोतीलाल प्रसाद, मंत्री – कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। मंत्री महोदय का स्वागत पारंपरिक शॉल एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।
इस अवसर पर मंत्री श्री मोतीलाल प्रसाद ने बच्चों और उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा, “यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि कार्यशाला को लेकर बच्चों में जबरदस्त उत्साह है। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। मैं सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ देता हूँ कि वे पूरे मन से इस कार्यशाला का लाभ उठाएं और अपने भीतर की कला को पहचानें।”
इस अवसर पर श्रीमती रचना पाटिल, निदेशक, संग्रहालय निदेशालय ने अपने संबोधन में मंत्री महोदय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “आपके आगमन ने इस कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया है। इस कार्यशाला में बच्चे विभिन्न विधाओं के आयामों से परिचित होंगे, अपनी पसंद पहचानेंगे और भविष्य में इनमें करियर बनाने की प्रेरणा भी पाएंगे।”
कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 मई से 8 जून 2025 तक किया जा रहा है, जिसमें 8 से 16 वर्ष तक के बच्चों को भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ है। कार्यशाला प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक आयोजित हो रही है। इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों की कलात्मक प्रतिभा को पहचानना, प्रोत्साहित करना तथा उन्हें विभिन्न कला विधाओं से परिचित कराना है।
कला विधाएँ, जिनमें प्रशिक्षण दिया जा रहा है:
नृत्य: भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, लोक नृत्य
संगीत: शास्त्रीय गायन, सुगम संगीत, तबला, हारमोनियम, बांसुरी, वायलिन, हवाईयन गिटार, की-बोर्ड।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रशासी पदाधिकारी भारतीय नृत्य कला मंदिर, कहकशाँ जी ने किया।
कार्यशाला के प्रथम दिन बच्चों की उपस्थिति और उत्साह अत्यंत सराहनीय रहा। यह आयोजन बच्चों के लिए एक यादगार अनुभव बनेगी तथा इससे काफी कुछ सीखेंगे भी।