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भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की कहानियां राष्ट्रीय स्मृति में अंकित होनी चाहिए- श्री धर्मेंद्र प्रधान..

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की कहानियां राष्ट्रीय स्मृति में अंकित होनी चाहिए- श्री धर्मेंद्र प्रधान

शिक्षा मंत्रालय 1757 से 1947 तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में एक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहा है।

लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज संसद पुस्तकालय में शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद द्वारा भारत के स्वतंत्रता संग्राम के बारे में आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा और राज्यसभा के सांसद भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि इस प्रदर्शनी में 1757 से 1947 तक के भारत के लगभग 200 वर्षों के इतिहास की कहानियों का प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य उन गुमनाम नायकों की कहानियों को लोगों के सामने लाना है जो राष्ट्रीय स्मृति में अंकित होनी चाहिए। देश भर के सांसद इस प्रदर्शनी के साक्षी बनकर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से और अधिक गुमनाम नायकों के बारे में अपने सुझाव दे सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति मंत्रालय राज्य सरकारों के सहयोग से पूरे देश के 100 स्थानों पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी इस प्रदर्शनी का प्रदर्शन करेगा।

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