बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि।…
सम्पूर्ण क्रांति और 1977 का नाम सुनते ही जदयू-राजद के नेता भड़क जाते है- मनोज शर्मा।.

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-लगता है कि ज्ञान का ठेका जदयू के लोगों ने ही ले रखा है! यह वह लोग हैं यदि, उनके मनपसंद बात ना की जाए तो, सामने वाला अज्ञानी हो जाता है। जदयू और राजद के नेता इन दिनों स्वयंभू ज्ञानी हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी ने यह कहा की भारत को औपनिवेशिक आजादी 1947 में मिली थी लेकिन, भारत में जिस तरह से लूट खसोट मचाई जा रही थी, भ्रष्टाचार किया जा रहा था, सरकार निरंकुश हो रही थी, उससे आजादी 1977 में मिली थी। अब इस सच को श्री सम्राट चौधरी ने सबके सामने कह दिया तो जदयू और राजद के नेताओं के पेट में दर्द हो गया है। क्योंकि जिसके खिलाफ 1977 में आजादी की लड़ाई जदयू और राजद के तथाकथित समाजवादी नेताओं ने लड़ी थी आज उन्हीं के गोद में खेल रहे हैं।
1977 का नाम लेते ही जैसे लाल कपड़ा को देखकर सांढ भड़क जाता है वैसे जदयू के लोग क्यों भड़क रहे हैं? आखिर अब संपूर्ण क्रांति का जिक्र क्यों नहीं करना चाहते है जदयू के लोग? क्या वह नहीं मानते हैं कि भारत को दूसरी आजादी 1977 में हुई थी! क्या जदयू के लोग इस बात को स्वीकार नहीं करते कि कांग्रेस की निरंकुश सरकार से भारत को 1977 में आजादी मिली थी! जिस निरंकुश कांग्रेस के खिलाफ नीतीश कुमार और लालू यादव ने लड़ाई लड़ी थी, आज यह दोनों नेता अब कांग्रेस के गोद में खेल रहे हैं, उनके नेताओं का गुणगान कर रहे हैं। शायद इसलिए, अब संपूर्ण क्रांति और 1977 की का जिक्र होते ही राजद और जदयू के नेता भड़क जाते हैं।
जदयू और राजद के नेता इतने ज्ञानी हैं तो क्या वह यह बताएंगे कि 1977 में आखिर संपूर्ण क्रांति की जरूरत क्यों पड़ गई थी? देश में विद्यार्थियों द्वारा किया गया संपूर्ण क्रांति का आंदोलन इतना उग्र क्यों हो गया कि देश में आपातकाल लागू करना पड़ा! जदयू के ज्ञानी नेता यह भी बताएं कि उस समय के तथाकथित समाजवादी लालू यादव और नीतीश कुमार ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण को धोखा दिया था या फिर अभी यह लोग कांग्रेस को धोखा दे रहे हैं? जदयू के लोग यह बताएं कि क्या सत्ता के लोभ के लिए ये सभी स्वांग नही रच रहे है?
जदयू के नेता यदि 1977 को भारत की दूसरी आजादी नहीं मानते हैं तो यह स्पष्ट करें की संपूर्ण क्रांति का आंदोलन बेवजह की गई थी! देश में आपातकाल लगाना जरूरी था! यह स्पष्ट करें 1947 से लेकर 1977 तक भारत में सुशासन था! कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या नहीं कर रही थी! जदयू के नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने जो आंदोलन किया था वो कांग्रेस के निरंकुश रवैया और भ्रष्टाचार के खिलाफ नही थी!