किशनगंज : इंडो-नेपाल सीमा पर SSB ने 2 बांग्लादेशी नागरिकों को किया गिरफ्तार..

नेपाल सीमा से प्रवेश कर रहे दोनों लोगों को पहचान पत्र दिखाने को कहा, लेकिन दोनों संदिग्ध कोई भी वैध कागजात दिखाने में रहे असमर्थ।
- एसएसबी की 41वीं बटालियन के कादोमनी जोत डी-कॉय कंपनी के जवानों ने नेपाल एपीएफ के जवानों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से भारत एवं नेपाल की सीमाओं के बीच स्थित पीलर संख्या 94 से 96 तक पैदल पेट्रोलिंग की।
- पेट्रोलिंग का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के जवानों के बीच आपसी भाईचारा के साथ दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार के अवैध गतिविधियां, तस्करी, घुसपैठिए आदि को रोकने के लिए की गई।
- एसएसबी के अधिकारियों के मुताबिक दोनों देशों की सीमाओं पर सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह मुस्तैद हैं। इसके अतिरिक्त आसपास के क्षेत्रों में भी एसएसबी और स्थानीय पुलिस की सहायता से पेट्रोलिंग लगातार जारी है।
इस संयुक्त पेट्रोलिंग टीम में नेपाल एपीएस के सब-इंस्पेक्टर यम कुमार दहाल, एसएसबी कादोमनी जोत डी कंपनी के इंस्पेक्टर विजय कुल्लू के साथ कादोमनी जोट डी-कॉय कंपनी के दो एएसआई सहित एसएसबी जवान व नेपाल एपीएफ के जवान शामिल थे।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, एसएसबी के जवानों ने भारत-नेपाल सीमा के पास से दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। एसएसबी ने नेपाल से भारत में प्रवेश करने के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया है। आपको बताते चले कि बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के एक इलाके से एक पाकिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान उस आतंकवादी का बिहार कनेक्शन सामने आया था।
बिहार कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस विभाग की ओर से सीमावर्ती जिले में चौकसी बढ़ा दी गयी है। इसी कड़ी में किशनगंज जिले से सटे भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एसएसबी ने दो बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि भारत-नेपाल के पानी टंकी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जांच के दौरान नेपाल से आ रहे दो व्यक्तियों को एसएसबी ने जांच के लिए रोक और नेपाल सीमा से प्रवेश कर रहे दोनों लोगों को पहचान पत्र दिखाने को कहा, लेकिन दोनों संदिग्ध कोई भी वैध कागजात दिखाने में असमर्थ रहा। पूछताछ करने पर दोनों संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों ने अपना नाम नजरुल इस्लाम और यासीन अराफात वर्ष बताया। तलाशी के दौरान दोनों के पास से बांग्लादेशी 60 टाका, 5 बांग्लादेशी सिक्का, 6930 नेपाली रुपये, 01 घड़ी, 02, मोबाइल फोन, भारतीय और बांग्लादेशी 04 सिम कार्ड बरामद की गई है। जिसके बाद एसएसबी की ओर से कागजी कार्रवाई करने के बाद दोनों को अग्रिम कार्रवाई के लिये पुलिस के हवाले कर दिया।
वही किशनगंज विदेशी घुसपैठिया विरोधी संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से पांच सूत्री मांग की है। अपनी मांग में समिति ने पटना हाई कोर्ट के विचारों का हवाला भी दिया है। समिति के जिला संयोजक माधव त्रिपाठी के अनुसार सरकार न्यायालय का सम्मान करते हुए (डिटेंशन सेंटर मैनुअल 2019, गृह मंत्रालय (एमएचए) 2019 मॉडल डिटेंशन मैनुअल के अनुरूप) जो भारत सरकार के गृह मंत्रालय का है बिहार के सभी सीमावर्ती जिलों में एक-एक डिटेंशन सेंटर बनाने की मांग की गई है। अन्य प्रमुख मांगों में सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ बिहार के अन्य जिलों में भी आम लोगों को सरकार प्रिंट मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से कानून की जानकारी दे और सुनिश्चित करे कि विदेशी घुसपैठियों को कैसे चिह्नित किया जाय। चिह्नित करने के बाद उसे डिटेंशन सेंटर में रख कर नोडल पदाधिकारियों के माध्यम से उसके मूल देश भेजा जाय।