अलग किचन।….
पटना डेस्क:-जब भी कोई उच्च पद वाला व्यक्ति जैसे राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, ias आदि कहीं भी जाकर भोजन करते हैं तो उनका खाना अलग किचन में पूरी सुरक्षा के साथ तैयार होता हैं। आम आदमी को कभी इस तरह से खाना बनाकर नहीं दिया जाता, वो ज़हरीला खाना खाने से मर तक जाते हैं। जब संविधान ने समानता का अधिकार दिया हैं तो इन उच्च पद के लोगों का खाना अलग किचन में क्यों ?? यह तो छुआछूत हुई न ?? सभी मानव तो समान हैं ? पर उच्च पद वाले को विशेष सुविधाएं और निम्न पद वालों के लिए कुछ नहीं ?? जब उच्च
पद और निम्न पद वालों का खाना एक ही किचन में बनेगा, तभी तो समानता आएगी। ये उच्च पद और निम्न पद क्यों हैं ?? क्या आम आदमी में प्राण नहीं होता हैं ?? उपयुक्त बातों को समझिए, वर्ण व्यवस्था कर्म प्रधान थी, जो जितना योग्य उसे उतना बड़ा पद और पदानुसार ही सम्मान व सुविधाएं और पद को ही पद नाम या सरनेम कहते हैं और सरनेम मतलब जाति और आज राष्ट्रपति और देश के सबसे बड़े शेयर होल्डर होने के बाद भी आदमी पिछड़ा और शोषित ही रहता हैं। विजय सत्य की ही होगी।