-: साधू और पूर्वोत्तर :-:
पटना डेस्क /अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दुहाई देने वाले बताएं कि देश के वो महान चाचा कौन हैं, जिन्होंने साधु संतों के पूर्वोत्तर राज्यों में जाने पर, कानून बनाकर रोक लगाई और क्यों ?? जब सभी को अपने धर्म सस्कृति के प्रचार करने का अधिकार हैं, तो कथावाचक, साधु संत पूर्वोत्तर राज्यों में क्यों नहीं जाते ??? कहने को कहेंगे कि 1947 में स्वतंत्र हो गए, लेकिन ससंद के अधिनियम, पूर्वोत्तर में लागू नहीं होंगे, क्यों ?? जितने भी साधु या बाबा, अपराधी प्रमाणित होते हैं, वह मध्य या उत्तर भारत से ही क्यों होते हैं ?? इन सब प्रश्नों को पूछेंगे तो लोकतंत्र ख़तरे में आ जाएगा। सारा खेल सुनियोजित तरीके से खेला जा रहा हैं, जब इसे समझने का प्रयास करेंगे, तब जानेंगें कि अखण्ड भारत में मनुस्मृति लागू थी, उसे क्यों जलाया गया। जिस तर्क से मुगलकालीन नाम बदले जा सकते हैं, उसी तर्क से ब्रिटिश कालीन नाम क्यों नहीं ??