आरा विधानसभा के प्रत्याशी रहे क्रांतिकारी पूर्व छात्र नेता कुमुद पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अपना बयान जारी किया….
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गुड्डू कुमार सिंह:-भोजपुर पिछले दिनों डॉ कन्हैया सिंह के लापरवाही से भले चंगे मरीज की हुई मौत और परिजनों के आक्रोश को देखते हुए कुमुद पटेल ने कहा कि इस घटना और बड़हरा विधायक के आक्रोश के बाद आरा के सभी 80% डॉक्टर जो निहायत ही लुटेरे और डकैत किस्म के हैं उन में खलबली मच गई है और सभी जनाक्रोश को देखकर भयाक्रांत हो चुके हैं, और आनन-फानन में बैठक करके सभी लुटेरों की जमात एकजुट होने का प्रयास कर रही है।
आरा की क्रांतिकारी जनता सब कुछ भली-भांति जानती और समझती है। यह 80% लुटेरे जिस प्रकार जांच के नाम पर कमीशन खाते हैं, महंगी और बेकार दवाइयों में 80% तक कमीशन लेते हैं, गैरजरूरी ऑपरेशन करते हैं और 15 से 20 दिन में ही पुनः फीस वसूलते हैं। मरीज तो राम भरोसे ही चलता है ,
लेकिन इन बेशर्म हत्यारों और लुटेरों की दुकान चकाचक चलती रहती है,,
नई-नई जमीनों पर नई इमारतें बनती रहती है,,
आरा की जनता लुटती और मरती रहती है,,
और यहां पर नेता कहे जाने वाले लोग उन्हीं लुटेरों को गुलदस्ता भेंट कर उनके धनबल के आगे नतमस्तक हो जाते हैं यहां के नेता यह भूल जाते हैं कि इन कमीशन खोर डॉक्टरों के आलीशान भवन गांव के गरीब मजदूर और लाचार लोगों के खून पसीने की कमाई को लूट कर बनाई गई है। इन डॉक्टरों के कुर्सी के नीचे ना जाने कितनों की आत्मा दबी हुई है जो आज भी इन लुटेरों की लापरवाही से हुई अपनी मौत पर न्याय का इंतजार कर रही है।
लेकिन मैं सभी आरा वासियों को बताना चाहता हूं कि इन लुटेरों का इलाज इसी क्रांतिकारी धरती पर होगा जरूरत है आप सभी को जागरूक होने की एकजुट होने की और इस लूट तंत्र का विरोध करने की, अगर जिला प्रशासन सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुलभ और सुदृढ़ कर दे तो यह लुटेरे अपना बोरिया बिस्तर समेट कर यहां से चले जाएंगे।
मैं मांग करता हूं बिहार सरकार और भोजपुर के जिलाधिकारी से की जिले की तमाम अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों की जांच करें और सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करके हमारी भोली भाली जनता को लूटने और मरने से बचाएं!