वक्फ कानून और महंगाई के खिलाफ प्रतिरोध मार्च 12 अप्रैल को।..
कुणाल कुमार/भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केन्द्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक संस्थानों खासकर वक्फ की स्वायत्तता को समाप्त कर वक्फ कानून बनाए जाने के खिलाफ ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ एवं अन्य संगठन के आह्वान पर 12 अप्रैल, 2025 को राज्य के सभी जिलों तथा प्रखंडों में आहुत प्रतिरोध मार्च का पूर्ण समर्थन देने का निर्णय लिया है। भाकपा राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बयान जारी कर कहा कि प्रतिरोध मार्च में पार्टी सदस्यों की भागीदारी होगी। प्रतिरोध मार्च के समापन स्थल पर वक्फ कानून की प्रतियां जलायी जाएगी तथा वक्फ कानून द्वारा साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने, गैस की कीमत में बढ़ोतरी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने एवं अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों पर केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे हमले को उजागर किया जाएगा।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा है कि केन्द्र की एनडीए सरकार द्वारा बनाए गए वक्फ कानून पूरी तरह असंवैधानिक है। क्योंकि यह वक्फ पर चुनिंदा प्रतिबंध लगाकर संविधान की अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। यह कानून अनुच्छेद 25 तथा अनुच्छेद 26 की भी अवहेलना करता है। अपनी कानूनी खामियों से परे, यह कानून साम्प्रदायिक तनाव को भड़काने और आर्थिक संकट और बेरोजगारी जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की एक रणनीति है। वक्फ कानून में संशोधन अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों
पर सीधा हमला है, जिससे भूमि हड़पने में मदद मिलती है। वक्फ परिषद् का पुनर्गठन अल्पसंख्यक संस्थानों में अनुचित हस्तक्षेप है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्पष्ट समझ है कि इस तरह के हस्तक्षेप से अल्पसंख्यक समुदाय के चर्च, गुरुद्वारे और मंदिर सहित अन्य धार्मिक संस्थानों को सरकार द्वारा नियंत्रित करने की मनसा है।