धर्म तपस्या करने और आत्मसात करने के लिए होता है। ये आत्म बल, आस्था और एकता बढ़ाता है पर इसका देश की भोली भाली जनता को मूलभूत मुद्दों से भटकाने के लिए राजनीतिक दुरूपयोग करना अनुचित है।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद -ये बातें बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने शनिवार को बक्सर जिला में जनसंवाद के दौरान कहीं। आगामी 26 नवम्बर को पटना के वेटनरी मैदान में संविधान एवं आरक्षण विरोधी ताकतों के खिलाफ प्रस्तावित भीम संसद की सफलता हेतु जन संवाद के क्रम में बिहार के भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी शनिवार, दिनांक 04.11.2023 को बिहार के बक्सर जिला पहुंचे थे।
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने बक्सर के राजपुर प्रखंड के तियरा बाजार एवं इटाढ़ी प्रखंड के अतरौना गाँव में अलग-अलग सभाओं को सम्बोधित किया। श्री चौधरी ने कहा कि चुनाव में जाने से पहले हमने जनता के बीच जो अपने चुनावी घोषणा-पत्र में वादा किया था, जिस कमिटमेंट को हमारे आदरणीय नेता, बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने 15 अगस्त को अपने वक्तव्य में दोहराया, उसी वादे को माननीय नेता पूरा कर रहे हैं।
श्री चौधरी ने कहा कि 18 वर्ष के कार्यकाल में श्री नीतीश कुमार जी ने जो काम अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कार्य किया है, आजाद हिन्दुस्तान में कोई दलित मुख्यमंत्री भी अपने राज्य में इतना काम नहीं किया होगा, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने तो समानता का अधिकार दिया लेकिन ये कोई जरुरी नहीं है कि कोई दलित ही दलित का उद्धार कर सके, महात्मा गांधी दलित नहीं थे लेकिन उनको लगा कि छूआ-छूत एक सामजिक कुरीति है और उन्होंने इसपर प्रहार किया, उसी तरह नीतीश कुमार जी को लगा कि हम 21वीं सदी का बिहार तभी बना सकते हैं जब इस प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति, अतिपिछडा और महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जाए और इसलिए माननीय नेता ने योजनाओं का निर्माण किया है और उसे धरातल पर उतरा है।
उन्होंने कहा कि माननीय नेता नीतीश कुमार जी से पहले भी कई लोग थे लेकिन हमारे नेता के कुशल मार्गदर्शन में देश की आज़ादी के बाद ये पहली बार हुआ है कि एक विज्ञापन में सरकार ने एक लाख बीस हज़ार नियुक्ति-पत्र दिया है। जल्द ही हम पुनः एक लाख से ऊपर नियुक्ति पत्र देंगे जिसकी घोषणा गाँधी मैदान से माननीय नेता ने सभी विभागों में रिक्ति की स्थिति एवं बजट का प्रावधान देखकर की है।
श्री चौधरी ने कहा कि भाजपा दो महत्वपूर्ण समस्याओं, जिसमें पहला बेरोजगारी और दूसरा महँगाई मुद्दे लेकर आयी थी। लेकिन आज जिस तरीके से मध्यमवर्ग के लोग गैस-सिलिंडर जैसे मूलभूत चीज़ों की उपलब्धता के लिए महँगाई की मार झेल रहे हैं, इसपर केंद्र की भाजपा मौन साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है कि 22 जनवरी को रामलला के मंदिर का उद्घाटन होना है। हम सभी राम को मानते हैं और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। धर्म अपनाने के लिए है, साधना के लिए होता है, तपस्या के लिए होता है पर लोगों को मूलभूत समस्या से भटका कर इसका राजनितिक दुरूपयोग अनुचित है।
श्री चौधरी ने आगे कहा कि बड़े हर्ष की बात होती यदि भाजपा सरकार रामलला के मंदिर के उद्घाटन के दिन देश के सभी राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति के लिए बेरोजगारी का बैकलॉग ख़त्म कर रोजगार सृजन की भी घोषणा करती या महँगाई पर नियंत्रण के लिए कोई योजना की घोषणा करती। रामलला के साथ -साथ यदि इन मुद्दों पर भी काम होता तो देश की जनता को लगता कि सरकार उनके विषय में वास्तविकता में संवेदनशील है।
अंत में श्री चौधरी ने उपस्थित जन समूह से आग्रह किया कि वे पूरी ताकत के साथ 26 नम्वबर को पटना पहुँचे और उन लोगों को जो संविधान और आरक्षण को खत्म करना चाहते हैं उन्हें पूरी ताकत के साथ ये सन्देश मिल सके कि जो व्यक्ति इस प्रदेश के दलित और वंचित वर्ग का विकास करेगा, उनके हितों की रक्षा करेगा और आने वाले समय में उनको सबल बनाएगा, वही इस प्रदेश पर राज करेगा।
इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी के साथ पूर्व मंत्री संतोष निराला, प्रदेश महासचिव रंजीत कुमार झा, पूर्व विधायक प्रभुनाथ राम, जिलाध्यक्ष अशोक सिंह, महादलित जिलाध्यक्ष टूना राम एवं रूबेल रविदास सहित अन्य साथीगण मौजूद रहे।