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केंद्र की एनडीए नीत भाजपा सरकार महिला विरोधी तालिबानी संस्कृति की समर्थक -राजेश राम

*आधी आबादी का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान : प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम*

 

मुकेश कुमार/प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि नई दिल्ली में अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश से रोक दिया जाना सिर्फ़ भारतीय संस्कृति पर गहरा आघात है , यह तालिबानी सोच के भाजपाई राजनीतिक पोषण का संकेत है।
यह वही मानसिकता है जो महिलाओं को आवाज़, शिक्षा, और अधिकार से वंचित कर रही है — और अब उसी की छाया भारत के लोकतांत्र में दिखाई देने लगी है।
मोदी सरकार इतना गिर जाएगी इसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी ।

तालिबान शासन ने अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं को लगभग कैद कर दिया है:
लड़कियों को माध्यमिक और उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया गया है,
महिलाओं को सरकारी और निजी नौकरियों से निकाला गया,
उन्हें बिना पुरुष अभिभावक के घर से निकलने तक की अनुमति नहीं,
सार्वजनिक रूप से बोलना, गाना, या मीडिया में दिखना अपराध बना दिया गया,
महिला पत्रकारों की आवाज़ तक दबा दी गई — उनकी तस्वीरें और आवाज़ें प्रसारण से काट दी जाती हैं।

और आज वही तालिबानी मानसिकता नई दिल्ली में केंद्र की भाजपा सरकार की सत्ता की सरपरस्ती में देखने को मिली —
जब भारत की राजधानी में, भारत की धरती पर अफ़ग़ान के मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ,महिला पत्रकारों को सिर्फ़ इसलिए रोका गया कि वे महिलाएँ हैं।
इस पर मोदी जी की मौन सहमति बेहद शर्मनाक है

इस घटना ने यह प्रश्न भी खड़ा कर दिया है —
क्या भारत भाजपाई सत्ता में अब ऐसा देश बनता जा रहा है जहाँ महिलाओं की भागीदारी को “असुविधा” समझा जाए?
NDA शासन के तहत समाज में महिलाओं के प्रति जो असहिष्णुता, हिंसा और असमानता बढ़ी है,
वह तालिबान की सोच से अलग नहीं —
यह केवल अफ़ग़ानिस्तान की नहीं, बल्कि भारत की आधी आबादी का भी अपमान है।
महिलाओं को हाशिये पर धकेलने की यह प्रवृत्ति देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के ख़िलाफ़ है।

कांग्रेस पार्टी यह स्पष्ट करना चाहती है कि —

“भारत किसी तालिबान का विस्तार अपने देश को नहीं बनने देगा।यह देश संविधान के उस संकल्प पर खड़ा है जिसने नारी को बराबरी का दर्ज़ा दिया,
और हर आवाज़ को अधिकार दिया।”

हम भाजपा-नीत NDA सरकार से पूछना चाहते हैं:
क्या महिला पत्रकारों को रोकना ‘नया भारत’ का प्रतीक है?
क्या भारत में अब तालिबान के नियमों को सम्मान देने की नीति अपनाई जाएगी?
और क्या केंद्र सरकार ने इस अपमानजनक घटना पर कोई विरोध दर्ज कराया?
भारत की जनता, ख़ासकर महिलाएँ, इस “तालिबानी मानसिकता” को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
यह देश बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर टिका है — किसी अमीर ख़ान मुत्ताकी या उसकी सोच पर नहीं।
हम केंद्रीय मंत्री चिराग़ पासवान, लल्लन सिंग जीतन राम मांझी तथा भाजपा के साझेदार नीतीश कुमार के मौन समर्थन की भी निंदा करते है ।

संवाददाता सम्मेलन में नेशनल मीडिया कॉर्डिनेटर अभय दुबे, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, असित नाथ तिवारी सहित अन्य नेतागण मौजूद रहें।

 

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