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कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम मैं राहुल गांधी ने किया भीमराव अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण।।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम के सामने वाली छोटी सी वाटिका में कई महापुरुषों की मूर्तियां हैं. इसमें एक और मूर्ति लगाई जा रही है. डाक्टर भीम राव आंबेडकर की मूर्ति. 23 जून को इसका अनावरण स्वयं राहुल गांधी ने किया. विपक्षी एकता की बैठक से पहले कांग्रेस पार्टी कार्यालय में बाबा साहब की मूर्ति लगाने पर दलित कनेक्शन निकाला जा रहा है.

दरअसल, सदाकत आश्रम में जिन नेताओं की मूर्तियां हैं उनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, राष्ट्र के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद, राष्ट्र के प्रथम पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की मूर्ति खास हैं. इन महापुरुषों के जन्म-दिन और पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस पार्टी के नेता जुटते हैं और इन्हें नमन कर श्रद्धांजलि देते हैं.

इस बीच बाबा साहब डाक्टर भीम राव आंबेडकर की मूर्ति लगाई गई है. चर्चा है कि चुनाव को लेकर दलितों में पैठ बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी आंबेडकर के एंगल पर आगे बढ़ रही है.

आंबेडकर के बहाने कांग्रेस पार्टी अपना दलित वोट बैंक वापस लाना चाहती है

मुसलमान और दलित किसी जमाने में कांग्रेस पार्टी के ठोस वोट बैंक आधार थे. इसलिए जगजीवन राम को कांग्रेस पार्टी ने आगे बढ़ाया था. अब यदि कांग्रेस पार्टी आंबेडकर की मूर्ति सदाकत आश्रम में लगवा रही है तो यह आंबेडकर के प्रति कांग्रेस पार्टी का मौजूदा राजनीति से प्रभावित प्रेम है. नए समीकरण में कांग्रेस पार्टी को अपने दलित वोट बैंक को वापस लाना है.

आंबेडकर के संबंध कांग्रेस पार्टी से बनते-बिगड़ते रहे थे

डॉ। आंबेडकर को पूर्व पीएम पं। जवाहर लाल नेहरू ने संविधान सभा की मसौदा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन दलितों के लिए सीटों के आरक्षण के मामले पर आंबेडकर और कांग्रेस पार्टी के संबंध तल्ख हो उठे थे. ये मतभेद इतने गहरे थे कि उन्होंने 1949 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. तब आंबेडकर ने कांग्रेस पार्टी की निंदा की थी और उच्च जातियों के प्रभुत्व का आरोप लगाया था.

हालांकि, आंबेडकर ने उस हिंदू कोड बिल का समर्थन किया था, जिसके साथ पंडित नेहरू खड़े थे. इसके अनुसार हिंदू पर्सनल कानूनों में सुधार करना और स्त्रियों को अधिक अधिकार दिया जाना था. कांग्रेस पार्टी यह बात लगातार कह रही है कि ‘देश का संविधान खतरे में है’.

कांग्रेस कई तरह के मैसेज देना चाहती है

आंबेडकर का बनाया संविधान जितने तरह के अधिकार जनता को देता है, वही राष्ट्र की ताकत है. बिहार कांग्रेस पार्टी आंबेडकर की मूर्ति सदाकत आश्रम में स्थापित कर बड़ा मैसेज देना चाहती है. कांग्रेस पार्टी बताना चाहती है कि वह दलित हितों की रक्षक पार्टी है. वह संविधान में विश्वास करने वाली पार्टी है. वह मौलिक अधिकारों की वकालत करने वाली पार्टी है. कांग्रेस पार्टी को मालूम है कि नयी पीढ़ी के दलितों के घरों में किसी दलित नेता की तस्वीर हो या चाहे न हो, आंबेडकर की जरूर रहती है.

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