किशनगंज : जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का किया गया आयोजन
जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के आदेश के आलोक में स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने किया निरीक्षण, प्रसव पूर्व जांच गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा के लिये जरूरी, शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था
किशनगंज, 10 जुलाई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मातृत्व स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने व जच्चा-बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के अंतर्गत की गयी। ताकि मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर पर लायी जा सके। जिले में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार अभियान को और भी सरल और सुविधाजनक बना रहा है। इसी क्रम में डीएम श्रीकांत शास्त्री के निर्देशानुसार जिले के सभी प्रखंडों में स्थित सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य पदाधिकारियों के द्वारा कार्यक्रम का निरीक्षण किया गया। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान एवं महिलाओं की विशेष जांच का भी आयोजन किया गया। वहीं गर्भवती माताओं एवं उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा प्रदान की गयी। जिसके तहत महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर के साथ कोविड टीकाकरण भी किया गया है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत 500 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की मुफ्त प्रसव पूर्व जांच की गई।सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने सोमवार को बताया कि सुरक्षित प्रसव व संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत प्रत्येक माह की 9 व 21 तारीख को विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच की जाती है। लेकिन इस बार 09 तारीख को (रविवार) सार्वजनिक अवकाश होने के कारण 10 जुलाई सोमवार को आयोजित किया गया है। जिसमें गर्भवती महिला अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता के सहयोग से अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जांच करवाने को आती हैं। जांच के पश्चात चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार चिकित्सा परामर्श दिया जाता है। जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया जाता है। शिविर में जांच कर रही मेडिकल टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बीट आदि की भी जांच की जाएगी। शिविर में एएनसी जांच के लिए मौजूद महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जांच कराने की सलाह दी जाती है। सदर अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सा पदाधिकारी डा० शबनम यास्मिन ने कार्यक्रम में जांच के दौरान बताया कि प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। दरअसल, समय पर जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानी का शुरुआती दौर में ही पता चल जाता और पता लगने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इससे प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व 04 जांच करानी जरूरी है। महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा। सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है। बताया कि वर्तमान समय मे जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए व अनचाहे गर्भ ठहरने से रोक के लिए, साथ ही साथ बच्चा पैदा करने के साथ ही तुरंत पुनः प्रेग्नेंसी की समस्याओं से बचाव के लिए गर्भवती, व धात्री महिलाओं को परिवार नियोजन की विभिन्न संसाधनों यथा, कन्डोम, माला डी, अंतरा, कॉपर टी, एवं नसबंदी, जैसे परिवार नियोजन के स्थायी व अ-स्थायी साधनों की जानकारी दी गई। इस दौरान महिला चिकित्सकों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार नियोजन के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया गया।