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किशनगंज : जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में चलाया गया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान गर्भवती महिलाओं की हुई एएनसी जांच।

परिवार नियोजन के तरीकों से कराया गया अवगत, वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर एवं एफ एच एस की हुई जांच।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी प्रखण्डों के स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई है। जिसके तहत महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर के साथ कोविड टीकाकरण भी किया गया है। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत जिले में 300 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की मुफ्त प्रसव पूर्व जांच की गई। जिले में संस्थागत प्रसव संबंधी मामलों में 20 प्रतिशत वृद्धि को लेकर विभागीय प्रयास तेज हो चुका है। इसके लिये प्रसव संबंधी सेवाओं को विस्तारित करते हुए सेवाओं की बेहतरी का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान महिला चिकित्सकों व आशा कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार नियोजन के तरीकों से महिलाओं को अवगत कराया गया। वैसी गर्भवती महिलाएं जिन्होंने जागरूकता के अभाव में दूसरे डोज़ का कोविड टीकाकरण नहीं कराया था, उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों की टीम द्वारा कोविड से सुरक्षा के प्रति आवश्यक जानकारी देते हुए दूसरे डोज़ का कोविड टीकाकरण किया गया। वही कोचाधामन प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनामुल हक़ ने बताया कि मौके पर महिला चिकित्सकों के समझाने पर गर्भवती व धात्री महिलाओं का कोविड19 का टीकाकरण किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को कोरोना के टीकाकरण से सुरक्षा प्रदान होगी। गर्भवती महिलाओं को साफ-सफाई के साथ अपनी सेहत का पूरा ख्याल स्वयं रखना चाहिए। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को सन्तुलित आहार जे साथ आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उनके गर्भस्थ में बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है। महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उर्मिला ने बताया की शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तश्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वही सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सोमवार को सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया की सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है एवं साथ ही सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही। इसके साथ ही अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमतावर्धन भी किया गया है। गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें।

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