किशनगंज: स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, गांवों में स्वच्छता मूल्यांकन की तैयारियां तेज
सभी प्रखंडों को निर्देश – अवयवों की समुचित तैयारी व कमियों का त्वरित समाधान करें

किशनगंज,26 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, स्वच्छ भारत मिशन एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (SSG) 2025 को लेकर किशनगंज जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में गांवों में स्वच्छता सुविधाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी।
गौरतलब है कि ग्रामीण विकास विभाग, बिहार के अंतर्गत मिशन निदेशक, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान द्वारा जिलों को सर्वेक्षण की अंक प्रणाली, पद्धति एवं रूपरेखा से संबंधित विस्तृत निर्देश पत्र भेजा गया है।
1000 अंकों के सर्वेक्षण के चार प्रमुख अवयव
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2025 कुल 1000 अंकों पर आधारित होगा, जो निम्न चार प्रमुख अवयवों में विभाजित हैं:
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सेवा आधारित प्रगति – 240 अंक
- ODF प्लस आच्छादन की स्थिति का मूल्यांकन
- जिला, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर मानवबल की उपलब्धता
- IMIS पोर्टल के माध्यम से डेस्कटॉप सत्यापन
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गाँव में स्वच्छता स्थिति का सीधा अवलोकन – 540 अंक
- घरेलू शौचालय, सामुदायिक शौचालय, ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन आदि की वर्तमान स्थिति
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स्वच्छता परिसंपत्तियों का सीधा मूल्यांकन – 120 अंक
- गोबरधन प्लांट एवं ठोस कचरा प्रबंधन इकाई (PWMU) का स्थलीय निरीक्षण
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सिटिजन फीडबैक – 100 अंक
- SSG ऐप के माध्यम से नागरिकों से ऑनलाइन प्रतिक्रिया
- गाँव में स्थानीय लोगों से आमने-सामने संवाद कर फीडबैक संग्रह
पंचायत एवं प्रखंड कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण
सर्वेक्षण प्रक्रिया की सफलता हेतु पंचायत एवं प्रखंड स्तर के कर्मियों को जिला स्तर पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिसमें सर्वेक्षण की तकनीकी प्रक्रिया, अवलोकन की विधि तथा रिपोर्टिंग के मानकों की जानकारी दी गई।
उपविकास आयुक्त ने दिए दिशा-निर्देश
उपविकास आयुक्त स्पर्श गुप्ता ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रखंड स्वच्छता पदाधिकारियों एवं जिला, प्रखंड, पंचायत स्तरीय टीमों को निर्देशित किया कि वे निर्धारित चारों अवयवों के अनुसार अपने क्षेत्र की कमियों को शीघ्र दूर करें और सर्वेक्षण के दौरान किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो। उन्होंने बेहतर समन्वय और जनसहभागिता के साथ कार्य करने का भी निर्देश दिया।
जनसहभागिता होगी निर्णायक
सर्वेक्षण के दौरान नागरिक फीडबैक को विशेष महत्व दिया गया है, जिससे गांवों के आम नागरिकों की राय सीधे मूल्यांकन में शामिल होगी। इसीलिए SSG ऐप के प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कर सकें।