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नीतीश सरकार के सुशासन ब्यवस्था एव बेटियों व महिला के साथ बलात्कार की घटनाओं पर जमकर बरसे, आलोक।।..

ऐसी सुशासन ब्यवस्था का दम भरने वाले नेताओं को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

बिहार में बेटी पढाव ,बेटी बचाव का नारा और सुशासन का दावा छलावा नहीं तो और क्या है ।

अनिल कुमार मिश्रा बिहार का  मुजफ्फरपुर बालगृह जैसे न जाने कितने घटनाएं घट चुकी है । जानकारी के अनुशार इन दिनों पटना में हालत नाजुक बनते जा रहा है ।दिल्ली , मुंबई , कोलकाता , जयपुर , पटना ,गुहाटी जैसे महानगरों में महिलाओं के साथ हो रहे बालात्कार और अन्य अपराधीक घटनाएं तो प्रकाश में आती है ,लेकिन सुदूर देहाती ,जंगली एवं पहाडतटीय क्षेत्रों ,छोटे छोटे गंज ,बाजार ,कस्बों में महिलाओं के साथ होने वाली घटनाएं, वहीं दबकर रह जाती है ।

आजादी के 78 वें बर्ष में भी प्रत्येक चौथे घंटे में एक महिला आत्महत्या ,हर सवा घंटा में एक महिला दहेज के बलि ,प्रत्येक आधा घंटा में बालात्कार का हर नौ मिनट पर कोई न कोई महिला घरेलू हिंसा का सिकार होती है ।प्रत्येक तीसरे मिनट पर महिला के साथ कोई न कोई अपराध होता है । युवतियों पर कहीं तेजाब डाला जा रहा है तो कहीं चलती बसों में सामुहिक बालात
कार हो रहा है । भू्ण हत्या तो पराकाष्ठा पर है, कहीं डायन का तोहमत लगाकर नंगा घुमाया जाता है, तो कहीं हत्यां की जाती है , तो कहीं जातीय उत्पीड़न का दंश झेलान पडता है ।

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