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जिले में इंट्री माफिया रोज लगा रहे लाखो-लाख रुपए राजस्व का चुना, ओवर लोडेड ट्रक कंटेनर बेरोकटोक पार कराने के नाम पर प्रतिदिन लाखों की वसूली…
दालकोला,रामपुर फरिंगोला व बलिचुका के अलावे ठाकुरगंज-गलगलिया से सटे चक्करमारी लाइन होटलों से इंट्री माफिया का खेल लगातार जारी है़ ओवर लोडेड ट्रक कंटेनर बेरोकटोक पार कराने के नाम पर प्रतिदिन लाखों की वसूली हो रही है़।सुलगती कारवाई कि आग पर मैनेजिंग का पानी ढलते है चंद मिनटों मॆ कारवाई की आग राख बनता है फिर जो जैसा होता है नियम कानून तोड़ ओवरलोड और ओभर टेक कर मनमानी ढंग से चलता है।
किशनगंज पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला किशनगंज जिला इन दिनों इंट्री माफियाओं के आतंक से जूझ रहा है़ किशनगंज से सटे दोनों छोर पर स्थित फरिंगोला,रामपुर और दालकोला के अलावे ठाकुरगंज के गलगलिया के समीप चक्करमारी से इंट्री माफियाओं का खेल आरंभ हो जाता है़ इससे राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों के राजस्व का चुना लग रहा है़ वजह यह है कि इंट्री माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ में चावल और मवेशी लदे ट्रक के अलावे ओवर लोड ट्रक व कंटेनर को बेरोकटोक किशनगंज जिले से पार कराया जाता है़ इसके एवज में ट्रक चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है़ जाहिर है कि प्रतिदिन लाखों की कमाई हो रही है़।इस प्रकार बिहार से कालाबाजारी के सरकारी चावल के अलावे मवेशी बंगाल और आसाम भेजे जाते है़ वहीं बंगाल से आने वाले बालू,गिट्टी किशनगंज पहुंचते ही इंट्री माफिया के लिए यह सोने में तब्दील हो रहा है़ हैरानी की बात यह है कि इस मामले में अधिकारी भी कुछ बोलने से कतराते है़।
सफेदपोश भी आजमा रहे दाव

बिहार बंगाल सीमा पर स्थित दालकोला, रामपुर,फरिंगोला,बलिचुका के अलावे ठाकुरगंज के गलगलिया के समीप बंगाल सीमा पर लाइन होटलों में माफियाओं का अघोषित कार्यालय संचालित हो रहा है़ इंट्री के धंधे में अब सफेदपोश भी अपना दाव आजमा रहे है।चक्करमारी के होटलों में बैठकर इंट्री का चक्कर चला रहे है।इस धंधे में कई गुट के लोग लगे हुए है़ जानबूझ कर बंगाल क्षेत्र में कार्यालय संचालित होते है, ताकि किसी भी तरह के जांच पड़ताल के लफड़े से बचा जा सके़ ओवर लोड ट्रक चालक सबसे पहले इन्हीं कार्यालयों में संपर्क स्थापित करते है़।ट्रक चालकों से राशि लेकर उन्हें कोड वर्ड दिया जाता है़।किशनगंज जिले में तैनात परिवहन विभाग के अधिकारियों को कोड वर्ड का पता होता है़ जब संबंधित ट्रक चालक किशनगंज के सीमा पहुंचते है तो अपना कोड वर्ड बताते है और वहां से बेरोकटोक पार कर जाते है़ जो वाहन बिना कोई कोड के पकड़े जाते है तो उनसे तय जुर्माना वसूला जाता हैं।
इंट्री माफिया के ये हैं कोड

वर्मा जी, नाजिम लोहागड़ा, मुखिया जी, मनोज, मिश्रा जी, नूर, बाबा, पप्पू दरबार, विधायक, सिंह, झा जी, बिनोद, सह्नवाज,फिरदोश, सोनू, कलाम, इस्माइल,ठीकेदार मास्टर जो इंट्री का मास्टर माइंड है और कोबरा कोड से संचालित है़।एनएच 31 और एनएच 327 ई देश के व्यस्त राज्य मार्गों में शामिल है़।इसी रास्ते एक तरफ आसाम तो दूसरी तरफ दिल्ली तरफ वाहनों का परिचालन होता है़।इसमें सबसे अधिक संख्या ट्रक व कंटेनरों की होती है़।चावल,मवेशी, कोयला, लकड़ी,गिट्टी, लोहा आदि के बड़े पैमाने पर इस मार्ग पर परिवहन होता है़।लेकिन अधिक लाभ के चक्कर में ये वाहन चालक परिवहन नियम के अवहेलना कर निर्धारित मात्रा से अधिक वजन लोड करते है़।इसी वजह से मजबूरन जुर्माना से बचने के लिए वाहन चालकों को इंट्री माफिया के संग में जाना पड़ता है़।वाहन चालकों को इससे लाभ तो हो ही रहा है,संबंधित विभागीय अधिकारी भी मालामाल हो रहे है़।

मौत का तांडव शुरू है मार्गों पर, परिवहन विभाग बना हुआ है तमाशबीन, मोटी रकम का होता है खेल डीएम, एसपी, आईजी, डीजीपी को सरकार दे स्वतंत्र भाव से कारवाई का अधिकार।कई दिनो की जाँच और मंथन के अलावे कई सूत्रों, गुप्तचर से मिली जानकारी के आधार पर राहत और बचाव मॆ महत्वपूर्ण जानकारी…

दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है,लापरवाही और नियम विरुद्ध परिचालन करना,नशे मॆ गाड़ी चलाना और मनमानी के रफ्तार तेज के ओवर टेक करना और अनसाईन्ड होकर शाईड लेना।कड़ी और बड़ी कारवाई कर रोकने होगे नियम विरुद्ध परिचालन परिवहन विभाग भी है इन दुर्घटनाओं के लिये जिम्मेवार।

- सड़क पर सबको होता है जल्दी,भूल जाते है नियम कानून,लागा देते है जीवन दाब पर करने लगते है ओवर टेक,और अनसाईन्ड परिचालन।
- नियम कॊ ताक मॆ रखकर छोटी बड़ी घटना मॆ टेम्पु वाहन, बूलोरो, बस और अधिकाँश मोटरसाइकल वाले है दोषी।
- मनमौजी ढंग से नियम तोड़कर गैर कानूनी ढंग से बढ़ाते है रफ्तार और करने लगते है सड़कों पर सितम ढाने वाला सफर।
- ओवरलोड, नीचे ऊपर का भरा हुआ यात्री से बस और मिनी बस, टेम्पु मॆ होता है ओवर लोड सफर।
- रुपये के लिये खेल रहे है बस संचालक और चालक कांटेक्टर यात्री के जान से।
- कितने की गई कीमती जीवन फीर भी जारी है ये सितम का कहर।
- खूलेआम नियम तोड़ देते है, कारवाई पर झल्लाते है, परिवहन वालो और पुलिस वालो पर रौब झाड़ते है।
- दबंगई दिखा कर सारेआम यात्री के जीवन से खेलते है।
- गुटखा खाना, नशे पान करना दुर्घटनाओं को बढा रहा है।
- चालक और उप चालक अधिकाँश नशे पान कर और गुटखा खाकर चलाते है वाहन।
- नियम तोड़ कर टैफिक रुल भूलकर नाजायज नजराना पर है मौत का खेल जारी।
- कौन रोके इन्हे इनपर कानून या कानून पर ये है भारी।
- सड़कों पर तूती इनकी बोलती है,प्रशासन की कारवाई इनके सामने बौनी दिखती है।
- टेम्पु वालो की मनमानी और बस वालो की मनमानी के सामने कोइ कानून और नियम का पालन नही टिकती है।
- ऍनएच हो या एसएच या हो छोटी बड़े मार्ग,बजार हो या वीरान सड़क सब पर इनकी मनमानी और नियम कानून तोड़ कर परिचालन दिखती है।
- इतनी जल्दी होता है की रफ्तार तेज होता है,गाड़ी अनियंत्रित होता है, देखते ही देखते कितने कि मौत होता है।
- हेलमेट के लिये जगरूक तो ठीक है मगर रफ्तार और नियम कानून तोड़ कर ओवरलोड और ओवर टेक कर चलना मौत का कारण है।
- जब नियम ही टूटे हो रफ्तार छूटे हो तो क्या हेलमेट और कुदरत बचा पायेंगे ?
- किसी बड़ी धटना पर कागजों मॆ कारवाई की आग चंद दिनो तक सुलगते है,फीर वही मौत का नजारा सामने दिखते है।

आखिर कौन है मौत के तांडव का जिम्मेवार ? जी हा ।।। जी हा ।। मौत का खेल मार्गों पर शुरू है, कब कहा किस मार्ग पर किसकी मौत होगे ये कहना मुश्किल है क्योंकि भविष्य का ज्ञान केवल कुदरत कॊ और विधाता को है।मार्गों पर मौत का खेल नियम कानून तोड़ कर अधिकाँश वाहन संचालक और चालक, उप चालक उनके दलाल यात्री के जीवन से खेल रहे है।बसे, टेम्पु, बूलोरो, सवारी वाहन, मैजिक, माल ढुलाई वाहन, मोटरसाइकल समेत अन्य वाहन वे रोक टोक मौत का कारण बन रहे है, ओभर टेक, ओवरलोड, नियम विरुद्ध चलना, अनसाईन्ड चलना, नशे मॆ चलना, तेज रफ्तार मॆ चलना, गुटखा खाना और चलना, मोबाइल से बात करते हुये चलना, मनमानी ढंग से चलना पिछले कई माह से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों मॆ बड़े और छोटी सड़क दुर्घटनाओं के कारण बन रहे है।अधिकाँश दुर्घटना नशा पान और ओभर टेक, ओवरलोड और मोबाईल पर बात करने के कारण हुये है कूछ बड़े दुर्घटना तेज रफ्तार के कारण अनियंत्रित होने या रेलवे कौरोसीग पर हुये है।स्कूल बस तक नियम विरुद्ध और अधिकाँश चालकों द्वारा नशेपान कर चलाया जा रहा है।खास कर इन मौत के खेल कॊ बिहार और उत्तर प्रदेश मॆ अधिक देखा जा रहा है, सड़कों पर चलने वालो मॆ जिन्हे ठीक से कानून लिखने और कानून का अर्थ नही मालुम होता वो भी कानूनी पंडित बनते है।


पुलिस, प्रेस, प्रशासन के सामने रौब गठ्ते है, जब कोइ पकड़ा जाता तो मैनेजिंग का खेल रचते है और फिर वही नियम तोड़कर मार्गों पर मौत परोसते है।जब कई बड़े धटना हो जाते है तो सरकार की नींद टूटते है, कोइ इमानदार अधिकारी जाँच करते और करवाते है फिर उन्हे भी गुमराह किया जाता है या तबादला करवा दिया जाता है, मोटी कमाई कि खेल परिवहन विभाग मॆ सदियों से चलता आ रहा है।अगर 20 वर्षों तैनात किसी भी जिले और कही के परिवहन अधिकारी की सम्पति, आय व्यय, मोबाईल्स, फोन, कार्यालय और आवास, उनके खास दलाल, निकटतम संबंधी कि जाँच हो या भिजेलेंस के ईमानदार अधिकारी ने जाँच किया तो परिवहन विभाग मॆ चल रहे नाजायज रुपये के खेल पर मार्गों पर हो रहे मौत के तांडव का बड़ा रहस्य खुल कर जाहीर होगा।जब समय रहते कारवाई होगे और प्रशासन सतर्कता बरतें,नियम

के अनुसार परिचालन हो, जाँच हो कारवाई हो, मार्गों पर अधिकारीयों का निरीक्षण हो, सरकार सजग हो जाये, जिलाधिकारी,एसपी, आईजी को परिवहन विभाग के तमाम गतिविधि और भ्रष्टचार, परिचालन की जाँच का स्वतंत्र अधिकार प्राप्त होने से काफी बड़े दुर्घटनाओं कॊ खत्म किया जा सकता है।लोकहित और जनहित मॆ अगर शीघ्र इन मामलो पर कारवाई नही हुए तो मार्गों पर मौत का खेल रुपये कमाने के होर मॆ चलता रहेगा।इसे समय रहते सतर्कता, सावधानी, उचित निर्णय, कारवाई से रोका जा सकता है, आखिर क्यों हो रहा है, मौत का तांडव इसकी बड़ी जाँच समय रहते आवश्यक है।बिहार का मुजफ्फरपुर/किशनगंज/अररिया/फारबिसगंज/कटिहार/बेगुसराय/जमुई/पूर्णिया आदि जिले के कई मार्गों मॆ सड़क दुर्घटना क्यों बढ़ गये है ? किशनगंज/मुजफ्फरपुर जिले की परिवहन विभाग और तमाम थाना के मार्गों पर टेम्पु, बस, बूलोरो, मैजिक, मालढुलाई वाहन, स्कूल वाहन मोटरकार, मोटरसाइकल कि सघन जाँच आवश्यक है,नशे पान पर रोक के अलावे नियम का पाठ इन वाहन वालो को बताना अति आवश्यक है।बिहार झारखंड, उत्तर प्रदेश मॆ सड़क दुर्घटनाओ कॊ रोकने के लिये तमाम नियम पर कड़ी कारवाई आवश्यक है,अन्यथा विषण हादसा को होता देख घड़ियाली आँसु बहाने से कोइ लाभ नही है।कर्तव्य का पालन करना होगा।
रिपोर्ट-धर्मेन्द्र सिंह