पटना : रिटायर्ड DSP गए ज़िंदगी से जंग हार, मिला स्यूसाइड नोट, इनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे के. चंद्रा..
पटना/डेस्क, दिनांक-23.06.2020 की सुबह रिटायर्ड डीएसपी ने खुद को गोलीमार कर खुदकुशी कर ली।मृतक के. चंद्रा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे।उन्होंने 62 एनकाउंटर किया था।अपने जमाने के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे के. चंद्रा के नाम से ही बड़े बड़े अपराधी कांपते थे..हाथों में एके 47 लिए खुद अपनी टीम नेतृत्व करने वाले के. चंद्रा आज खुद अपनी कनपटी में गोली मारकर आत्महत्या कर लेना, जितना चौकाने वाला था उससे ज्यादा उनका सुसाइड नोट।उनके शव के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट भी मिला है।जिसमें उन्होंने जलजमाव के कारण हो रही मानसिक परेशानी की बात कही है।घटना बेउर थाना क्षेत्र की मित्र मंडल कॉलोनी की है।पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।घटना की सूचना मिलने पर डीएसपी संजय कुमार पांडेय के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल मामले की छानबीन करने पहुंचे।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।2012 में सेवानिवृत्त हुए के. चंद्रा अपने कार्यकाल के दौरान तेज-तर्रार आफिसर के रूप में जाने जाते थे।बताया जाता है कि के. चंद्रा अपने परिवार के साथ बेउर थाना क्षेत्र की मित्र मंडल कॉलोनी में रहते थे।दिनांक-22.06.2020 की रात वे खाना खाकर सो गए थे।दिनांक-23.06.2020 की सुबह करीब 8 बजे उनके कमरे से अचानक फायरिंग की आवाज आई।जब स्वजन पहुंचे तो कमरा अंदर से बंद था।दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो चंद्रा लहूलुहान पड़े थे।उनकी सांसें थम चुकीं थीं।के. चंद्रा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली थी।
बाहुबलियों पर नकेल कसने वाले पूर्व डीएसपी के. चन्द्रा की लोगो ने की चर्चा…
बता दे कि नब्बे के दशक में जब मोकामा का इलाका गैंगवार की आग में धधक रहा था तो ऐसे वक्त में के. चंद्रा की तैनाती मोकामा थाना में हुई थी।तब ऐसा कोई दिन नही गुजरता था जब शंकरवार टोला और मोलदीयार टोला के बीच एके 47 नही चलता था।नागा सिंह, नाटा सिंह, संजय सिंह, और सूरजभान सिंह के लोगो के बीच गोलियां चलती रहती थी।लेकिन इस इलाके को शांत किया के. चंद्रा ने।कई ई-काउंटर हुए थे और फिर यह इलाका शांत हुआ था।के. चंद्रा को फिर नौबतपुर में भी भेजा गया था। कई एनकाउंटर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहलाने के बाद के. चंद्रा भी विभागीय और अदालती कार्रवाइयों से गुजरते रहे झेलते रहे।सब मामले में कोर्ट से जीत हासिल कर लिया है।अब बस परिवार के साथ दिन गुजार रहे है।बेउर में घर बनवाया था।लेकिन आज उसी घर मे उन्होंने अपनी जान दे दी।पटना के विभिन्न थाना के प्रभारी रहकर बढ़ते अपराध के ग्राफ को रोकने वाले बेहतरीन पुलिस अधिकारी समझे जाने वाले रिटायर्ड डीएसपी के चंद्रा ने आज पटना में अपने आवास में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है।के चंद्रा अपने कार्यकाल के दौरान अपने कार्यों के लिए बेहद चर्चित अधिकारी रहे हैं।डीएसपी से रिटायर होने के पूर्व बतौर थाना प्रभारी मोकामा तथा खगौल में उन्होंने अपराधियों की कमर तोड़ दी थी।बताते चलें कि मोकामा में रहते हुए के चंद्रा ने वहां के कई बाहुबलियों को अपने कार्यकाल में चुनौती दी थी।पटना में रहते हुए उन्होंने कई बाहुबलियों के नाक में नकेल कसने की कोशिश की थी।
एक दिन पहले भी पड़ोसी से हुआ था विवाद
के. चंद्रा के शव के पास से तीन पेज का सुसाइड नोट मिला है। जिसमें उन्होंने खुद को पिछले 16 वर्षों से अवसाद ग्रस्त बताया है। साथ ही जलजमाव के लिए अपने पड़ोसी की प्रताड़ना का भी जिक्र किया है।के. चंद्रा के पुत्र ने बताया कि एक दिन पहले पड़ोस के रहने वाले संतोष नाम व्यक्ति ने अपने घर के बाहर भारी मात्रा में मिट्टी गिरवाई थी।जिससे हमारे घर केे गेट पर काफी पानी जमा हो गया था।इसको लेकर पिता जी से संतोष की बहस भी हुई थी।के. चंद्रा काफी दिनों से घर के बाहर जमे पानी के कारण परेशान रहते थे।
एसटीएफ में भी दिया था योगदान
बताया जाता है कि के चंद्रा ने सेवाकाल के दौरान एसटीएफ में भी अपने योगदान दिया था।वे काफी तेज-तर्रार अफसर माने जाते थे।पुत्र ने बताया कि वे करीब 62 एनकाउंटर कर चुके थे।उनकी मौत से स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।