पटना : बिहार पुलिस के मुख्यालय में चार दर्जन से भी अधिक पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी..

पटना/धर्मेंद्र सिंह बिहार पुलिस के मुख्यालय में चार दर्जन से भी अधिक पुलिस अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है।जिन पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और शराब के मामले सहित अन्य आरोप लगे हैं।वैसे इनमें से कितने वाकई दोषी हैं अथवा कितनों को सिर्फ वरीय अधिकारियों की वजह से दोषी करार दिया गया है, यह स्पष्ट नहीं है।इसी वजह से यह मांग उठ रही है कि बिहार पुलिस के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे और एडीजी जितेंद्र कुमार को एक बार उन्हें बोर्ड का गठन कर पुनः विचार कर लेना चाहिए।पुलिस मुख्यालय के इस फैसले का प्रभावित अधिकारियों के परिवार पर भी हर तरह का असर होना तय है।इसी वजह से अनेक लोग यह मान रहे हैं कि पुलिस मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को इस तरह का बड़ा निर्णय लेना वर्तमान परिस्थिति में उचित प्रतीत नहीं होता।पूरे बिहार में विधि व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए भी पर्याप्त सुरक्षा बल की भी कमी भी है। इस तरह एक साथ चार दर्जन से भी अधिक पुलिस पदाधिकारियों को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने के बाद उसके परिवार और बच्चों पर मानसिक परेशानी बढ़ेगी, जिस से इनकार नहीं किया जा सकता है।पुलिस मुख्यालय में बैठे डीजी रैंक के बड़े अधिकारियों को तत्काल इस तरह का फैसला लेने में और कुछ समय लेना चाहिए क्योंकि सभी लोग पुलिस परिवार के एक अंग है।गलतियां होती है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।लेकिन ऐसे पुलिस पदाधिकारी जो भ्रष्टाचार और अन्य मामले में दोषी हैं,उनपर लगे आरोपों की जांच गंभीरता से बोर्ड गठन कर उचित निर्णय लेना भी चाहिए।जिससे पुलिस विभाग का भी कार्य होता रहेगा और उक्त पुलिस पदाधिकारी जिन पर आरोप उनका जीविका का एकमात्र साधन भी सुरक्षित रहेगा।अब निर्णय तो सरकार और पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को लेना है।लेकिन निर्णय लेने से पहले ऐसे अधिकारियों को एक बार फिर से पुनः जांच करानी चाहिए।जो मानवीय दृष्टिकोण से भी जरूरी प्रतीत होता है।