पटना : पीके की अपमान का बदला लेगा पूरा ब्राह्मण समाज..

पटना/संवाददाता भारतीय राजनीति को एक नई धार देने एवं रणनीतिकार के रूप में पूरे देश मे अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने में सफल बिहार के प्रशांत किशोर को अपने ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के मुख्यमंत्री के द्वारा जिस तरह अपमानित कर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से बाहर का रास्ता दिखाया गया हैं, वह बहुत ही अशोभनीय हरकत हैं।चाणक्य विकास मोर्चा नीतीश के इस रवैये का घोर विरोध करता हैं।मोर्चा के संयोजक ब्रजेश मिश्र उरवार ने बताया कि पूरा ब्राह्मण समाज के लिए प्रशांत किशोर गौरव हैं, उनके अपमान का बदला आगामी विधान सभा चुनाव में बिहार के ब्राह्मण जरूर लेंगे।नीतीश कुमार ने फिर एक बार अपने को तानाशाह के रूप में प्रोजेक्ट किया हैं, शायद वह ये दिन भूल गए जिस समय मोदी एवं शाह की लहर से परेशान बिहार की कुर्सी बचाने के लिए नीतीश ने प्रशान्त किशोर की मदद ली एवं उनकी रणनीतियों की वजह से बिहार के सीएम बने थे।प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिस तरह नीतीश कुमार ने पीके का विरोध किया उस समय आप अगर गौर करके देखेंगे तो नीतीश कुमार ने कहा कि ट्विटर क्या होता हैं, यह इंटरलेक्चुर लोग के लिए हैं, हमारी पार्टी में ट्वीट का कोई जगह नहीं होता हैं, कोई मायने नहीं हैं, आखिर किन वजहों से वह अपनी पार्टी में आईटी सेल का गठन किये हैं यह भी बिहार की जनता को बताना चाहिए।श्री उरवार ने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की बात करते हैं, डिजिटिलाइज सबकुछ हो रहा हैं लेकिन नीतीश जी को इसका समझ कुछ नहीं हैं तो वह बिहार को किस ओर ढकेलना चाहते हैं।कुर्सी के मद में चूर अहंकारी हो चुके नीतीश को बिहार का ब्राह्मण इसबार जरूर सबक सिखाएंगे।गौरतलब हो कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव की जीत सुनिश्चित कराने वाले प्रशांत किशोर के बारे में नीतीश कुमार यह कहते नहीं थकते कि उन्होंने अमित शाह के कहने पर पार्टी जॉइन कराई थी, इससे साफ संकेत हो जाता है की महागठबंधन तोड़ने की मंशा नीतीश कुमार ने पहले ही बना रखी एवं सरकार बनाने के लिए ही महागठबंधन रखा था।नीतीश कुमार इस बात से पूर्ण सहमत थे कि एनडीए की सरकार बनाने में सफल नहीं होंगे इसलिए ही महागठबंधन बनाया था, और उसे तोड़ फिर एक बार लालू की बात सही साबित कर दी कि नीतीश कुमार के पेट मे दांत हैं।आगे ब्रजेश उरवार ने कहा कि जो ब्राह्मण प्रशांत किशोर की चलते जदयू में शामिल थे वह कहाँ जाएंगे, जदयू को अबकी बार सबक जरूर मिलेगा।प्रशांत किशोर भले ही अपने को ब्राह्मण के रूप में प्रोजेक्ट न करते हो, लेकिन हैं तो वह ब्राह्मण ही न और समाज उनके साथ खड़ा हैं नीतीश कुमार का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए।