पटना : बिहार में ध्वस्त हो चुका है कानून व्यवस्था:-डॉ० सुरेश पासवान

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ० सुरेश पासवान ने कहा है कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोइ चीज नहीं रह गई है, कानून का राज पुरी तरह से चौपट हो गई है।और बिहार की सरकार कुंभकरणी निद्रा में सो रही है।अभी का हालात ठीक उसी तरह का है जिस तरह से “रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था”।गोपालगंज टीरीपल मडर का मामला अभी शांत भी नहीं था कि पटना जिला के मोकामा अनुमंडल के घोसवरी थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में दो महादलित युवको की निर्मम हत्या कर दी गई।मृतक की पहचान सोल्जर मांझी उम्र (18) एवं देवब्रत माझी उम्र (17) के रूप में हुई है।इन दोनों युवकों की हत्या लाउडस्पीकर बजाने के बिवाद को लेकर माना जा रहा है।बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जिनके पास गृहमंत्री का भी दायित्व है इन्हें बताना पड़ेगा कि बिहार में अनकंट्रोल अपराध का जिम्मेवार कौन है।बिहार में गाजर मूली की तरह इंसान रोज काटे जा रहे हैं और सरकार लॉक डाउन की आड़ में अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय अपराधियों के बचाव में उतर गई है।बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आपको बताना पड़ेगा कि नेता बिरोधी दल श्री तेजस्वी प्रसाद यादव को गोपालगंज जाने से रोकने में सारी ताकत लगाकर क्या संदेश देना चाहते है, इससे तो अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा।इसी का नतीजा है कि अब तो अपराधियों के द्वारा घर में घुसकर आराम से घटना को अंजाम देकर खुल्ले आम पुलिस-प्रशासन को चुनौती दे रहे है।और बिहार सरकार के मुख्यमंत्री के श्रीमुख से एक शब्द भी अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का ब्यान तक भी नहीं आता है।इसलिए लगता है कि सरकार का इकबाल बिल्कुल खत्म हो गया है, सरकार नाम की चीज से कोई भय नहीं रह गया है।सरकार संरक्षित गुंडे का राज कायम हो गया है।डॉ० पासवान ने कहा है कि जब बिपक्ष के नेता श्री तेजस्वी यादव जी के द्वारा कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया जाता है तो सरकार इसे राजनीतिक रंग देने में ही अपना राजधर्म समझती है और रटा रटाया नारा लगाते लगती है कि कानून अपना काम करेगा।इसलिए सभी मोर्चों पर बिफल बिहार सरकार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को हठधर्मिता छोड़कर नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और बिहार में अभिलंब राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए ताकि राज्य की जनता को जान माल की हिफाजत हो सके।