किशनगंज : आरोग्य दिवस-टेलीमेडिसीन सेवा के जरिए हुआ मरीजों का इलाज
मार्च में 4998, अप्रैल में 9005, मई में 13478 एवं जून माह में अबतक 9754 लोगों ने ई-टेलीमेडिसीन का उठाया लाभ

किशनगंज, 16 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर शुक्रवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवती व धात्री महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों को स्वास्थ्य एवं पोषण सुविधाओं के साथ परामर्श भी दिया गया। वीएचएसएनडी सत्र में गर्भवती एवं बच्चों का टीकाकरण किया गया। साथ ही, गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबिन, बीपी, वजन आदि की जांच की गयी। साथ ही आयरन व कैल्सियम की गोली का वितरण किया गया। सत्र में मौजूद गर्भवती, धात्री, किशोरी एवं बच्चों की माताओं को उम्र के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता, आहार को सन्तुलित बनाने, उपलब्ध खाद्य सामग्री को मात्रा के हिसाब से सेवन करने, सही तरीके से स्तनपान, स्वस्थ पोषण व्यवहार, गांव-घर में उपलब्ध संसाधनों में से पौष्टिक आहार तैयार करने, पोषण वाटिका का महत्व इत्यादि के संबंध में विस्तार से बताया गया। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया, कि जिले में आरोग्य दिवस के दिन वीएचएसएनडी सत्र के दौरान ग्रामीणों को ई-टेलीमेडिसीन की सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसका लाभ गर्भवती महिलाओं के साथ साथ धात्री महिलाएं और किशोरियां भी उठा रही हैं। खासकर गर्मी के मौसम में सुदूर ग्रामीण इलाकों के लाभार्थियों के लिए ई-टेलीमेडिसीन काफी सुविधाजनक साबित हो रही है। जिले में 21 हब और 321 स्पोक्स शुक्रवार को कार्यरत थे। जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन भी लिखी जा रही है। ज़िले में लगभग 500 के करीब मरीजों को प्रतिदिन सेवा का लाभ दिया गया है। वहीं मार्च में 4998, अप्रैल में 9005, मई में 13478 एवं जून माह में अबतक 9754 लोगों ने ई-टेलीमेडिसीन का लाभ उठाया है। वर्तमान हालातों को देखते हुए लोगों को अपने नजदीकी टेलीमेडिसीन स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराने में सुविधा हो रही है। इससे अनावश्यक ख़र्च नहीं होता व समय की भी बचत होती है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि जिले के ‘सरकारी अस्पतालों में पूर्व की अपेक्षा स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाओं को सुदृढ़ किया जा चुका है। अब प्रखंड स्तर पर भी प्रसव संबंधी सारी सेवाओं और सुविधाओं को बहाल किया जा चुका है। लेकिन, इसके अलावा लोगों को भी जागरूक होना होगा। प्रसव अपने आप में एक जटिल प्रक्रिया है।
लेकिन, समय पर प्रसव होने से जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं। प्रसव की सटीक जानकारी के लिए गर्भवती महिलाएं नियमित एएनसी जांच कराएं। साथ ही, प्रसव पीड़ा शुरू होने की स्थिति में गर्भवतियों को चिकित्सक के पास ले जाया जाए ताकि, उनके प्रसव के पूर्व और उसके दौरान जटिलताओं को दूर किया जा सके। जिले के दिघलबैंक प्रखंड के इकरा पंचायत के केलाबारी कमाती आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 138 में आयोजित वीएचएसएनडी सत्र के दौरान मिस्बा प्रवीण ने बताया कि मेरे घर से अस्पताल की दूरी ज्यादा है। घर के सभी लोग कार्य हेतु बाहर हैं। मैँ अकेले अस्पताल जाने में सक्षम नहीं हूँ। लेकिन मेरे घर के निकट ही केंद्र में मेरे बच्चे को इलाज की सुविधा मिल जाने से मुझे परेशानी से मुक्ति मिल गयी है। साथ ही एएनएम दीदी के द्वारा स्थानीय गर्भवती महिलाओं की बीपी, वजन आदि की जांच की गयी। आयरन व कैल्सियम की गोली भी मुझे दी गयी है। इसके अलावा खाना खाने की मात्रा बढ़ाने, खाने में हरी पत्तेदार सब्जी, चना, गुड़, दाल, दूध, मोटे अनाज, मौसमी फल तथा आयरन व कैल्सियम की गोली कब और कैसे खायें के बारे में भी मुझे परामर्श दिया गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि आरोग्य दिवस के दिन गर्भवती माता की प्रसव पूर्व जांच की भी सुविधा मिलती है।
गर्भावस्था के दौरान प्रसव पूर्व जांच की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार एएनसी जांच करानी चाहिए। इससे प्रसव के पूर्व या प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। वहीं, कई मामलों में मातृ मृत्यु की संभावनाओं को भी खत्म किया जा सकता है। उन्होंने बताया, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताएं मातृ मृत्यु के लिए अधिक जिम्मेदार होती हैं।