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किशनगंज : नाइट ब्लड सर्वे के लिए प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का हुआ उन्मुखीकरण

आगामी 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम किया जाएगा संचालित

  • नाइट ब्लड सर्वे में 8 से 12 बजे रात के बीच ही लिया जाएगा ब्लड सैम्पल।

किशनगंज, 26 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सजग है। ताकि जिला को जल्द से जल्द फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके। इसी मुहिम के तहत जिले में फाइलेरिया की स्थिति का पता लगाने और रोगियों की पहचान के लिए आगामी माह में जिले के सभी प्रखंडों और शहरी क्षेत्र में नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा। फाइलेरिया जैसी बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का संचालन किया जाता है। इसी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दूसरे चरण में आगामी 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाना सुनिश्चित किया गया है। जिसको लेकर सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में शुक्रवार को प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा० देवेन्द्र कुमार ने बताया कि आगामी महीने ज़िले में होने वाले नाइट ब्लड सर्वे को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है।ज़िले के प्रत्येक प्रखंड में दो दो स्थल का चयन किया जाना है। जिसमें एक सेन्टिनल तो दूसरा रैंडम साइट को चयनित करने का कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इन सभी 18 साइटों पर तीन-तीन सौ लोगों के ब्लड संग्रह किया जाना है। जिसकी जांच करने के बाद संक्रमित पाए जाने पर अगस्त महीने में एमडीए राउंड के तहत फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे टीम के सदस्य 20 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों के रक्त का सैम्पल लेंगे। एक साइट पर 300 और दूसरे साइट पर भी 300 यानि कुल 600 लोगों के ब्लड का सैंपल एकत्रित किया जाएगा। जिससे संभावित मरीजों की समुचित जांच सुनिश्चित हो सके और शुरुआती दौर में ही बीमारी की सही जानकारी मिल सके। नाइट ब्लड सर्वे के लिए चार सदस्यीय टीम भी बनाई जाएगी। जिसमें अनिवार्य रूप से एक लैब टेक्निीशियन होंगे। संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा घर घर जाकर लोगों को सैंपलिंग कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। डा० देवेन्द्र कुमार ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे की गतिविधियों का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तर पर फाइलेरिया व माइक्रो फाइलेरिया की दर को जानना है। नाइट ब्लड सर्वे से यह पता चलेगा कि कितने लोगों में फाइलेरिया का पैरासाइट मौजूद है। फाइलेरिया का पारासाइट रात में ही सक्रिय होता है। इसलिए नाइट ब्लड सर्वे में 8 से 12 बजे रात के बीच ही ब्लड सैम्पल लिया जाएगा। इसमें 20 साल से ऊपर के लोगों का रक्त नमूना जांच के लिए लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर नाइट ब्लड सर्वे के लिए सूक्ष्म कार्य योजना तैयार की गई है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि फाइलेरिया या हाथी पांव के लक्षण सामान्यता शुरू में दिखाई नहीं देते हैं। इसके परजीवी शरीर में प्रवेश करने के बाद इसके लक्षण लगभग पांच से दस सालों बाद दिखाई दे सकते हैं। इसलिए सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले व्यक्ति भी इसकी जांच कराएं। फाइलेरिया एक घातक बीमारी है। ये साइलेंट रहकर शरीर को खराब करती है। फाइलेरिया एक परजीवी रोग है जो एक कृमि जनित मच्छर से फैलने वाला रोग है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। लेकिन बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसील, अंडकोषों की सूजन फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसका कोई ठोस इलाज नहीं है। लेकिन इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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