किशनगंज : जिले में डायमंड है तो मुमकिन है ओवरलोड वाहनों का परिचालन

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आखिर ये डायमंड कोड से कौन जिले में इंट्री का गोरखधंधा कर रहा है जांच का विषय है।

किशनगंज, 13 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिला के ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट पर ओवरलोड वाहनों का परिचालन बदस्तूर जारी है। जगह-जगह एंट्री माफिया के गुर्गे सक्रिय होकर गोरखधंधा चला रहे हैं और किशनगंज में डायमंड कोड का परचम लहरा रहा है। डायमंड है तो मुमकिन है और ओवरलोड वाहनों का परिचालन बेरोकटोक जारी है किसी की क्या मजाल है कि ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कुछ कर दें क्योंकि डायमंड कोड के सहारे जिले पर अपना कहर बरपा रहे हैं। सूत्र के मुताबिक इंट्री माफियाओं की सांठ-गांठ अधिकारियों से लेकर गृहरक्षकों तक है जो इनके लिए जासूसी का काम करते हैं। कब निकलना होता है या कब नहीं यह उनके द्वारा बताए गए समय के अनुसार ट्रकों को निकालते हैं। इसके अलावा जांच चौकी पर तैनात गृहरक्षकों के द्वारा वाहनों से दिन दहाड़े ओवरलोड ट्रकों से पैसा लेकर बिहार में आसानी से प्रवेश करा दे रहे हैं। इनसे अगर पूछताछ की जाए तो सभी माफियाओं के नामों का खुलासा आसानी से हो सकता है। गृहरक्षक जवान जांच चौकी पर तैनाती करने के लिए लिए हमेशा लालायित रहते हैं, क्योंकि यहां अवैध काली कमाई भरपूर रूप से होती है।पिछले कई वर्षों से इंट्री का खेल बंगाल एवं झारखंड के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाले वैसे ट्रकों की होती है, जिसमें बिना कागजात, ओवरलोड, अवैध सामान आदि लदा होता है। उन्हें सुरक्षित तरीके से राज्य के कई जिले से गंतव्य तक जाने के लिए शुल्क तय कर दी गई है। जब तक इंट्री के धंधे में शामिल लोगों के द्वारा चालकों से राशि वसूल नहीं कर ली जाती, तब तक उस ट्रक को इंट्री नहीं मिलती है। अगर जोर जबरदस्ती कर ट्रक चालक चल भी देता है तो किसी न किसी बहाने उसको पकड़वा दिया जाता है। इसके बाद ओवरलोड या फिर कागजातों में कमी आदि के नाम पर कार्रवाई की जद में आकर ट्रक मालिक को नुकसान झेलना पड़ता है। वसूले गये रुपये में पदाधिकारियों व उनके चमचों में वितरण किया जाता है, जिसे माफिया इंट्री का नाम देते हैं। यही कारण है कि मजबूर ट्रक चालकों को समझौता करना पड़ता है। निर्माण सामग्रियों को ढोने वाले ज्यादा निशाने पर रहते हैं। इलाके में भवन, सड़क, पुल-पुलिया आदि के निर्माण सामग्री को ढोने वाले ट्रक को एंट्री दिलाने में दिन-रात इंट्री माफियाओं का दलाल सक्रिय रहते हैं। सैकड़ों ट्रकों पर आए दिन गिट्टी, बालू आदि समान लदे बिहार में बेरोकटोक सड़कों पर प्रवेश इनके द्वारा कराया जाता है। उनसे मोटा उगाही कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते हैं। इससे सरकारी राजस्व का चूना लग रहा है। सूत्र के मुताबिक इस काले धंधे में सफेदपोशों के सांठगांठ से इंट्री माफिया बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। दर्जनों लोग वाहन इंट्री के इस गोरखधंधे में शामिल हैं।