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राजद के तीन दिवसीय अम्बेदकर परिचर्चा का दुसरा दिन – कोई भी लड़ाई विचारधारा से ही जिती जा सकती है – जयशंकर गुप्ता, (वरीष्ठ पत्रकार)

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-राजद के तीन दिवसीय अम्बेदकर परिचर्चा के दुसरे दिन ‘मनुस्मृति-वर्ण व्यवस्था पर बाबा साहेब अम्बेदकर के विचार’ एवं ‘लालू जी के सरकार में दलितों एवं वंचित के लिए दिये गये संवैधानिक अधिकारों पर केन्द सरकार द्वारा हमला’ विषय पर चर्चा हुई। सबसे पहले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्री भोला यादव द्वारा विषय प्रवेश कराते हुए परिचर्चा के उद्देश्य एवं भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत किया गया।

परिचर्चा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर गुप्ता ने कहा कि विचार-धारा के आधार पर ही हम आर.एस.एस. जैसे संगठन के गलत मंसूबो को तोड़ सकते है। समाजिक न्याय के लोग यदि उनसे जुडते है तो यह हम समाजवादियों की ही विफलता है। आज संविधान बदलकर मनुस्मृति लागू करने की शाजिस हो रही है। जबकि मनुस्मृति समाजिक न्याय और गैर बराबरी का सबसे बड़ा हथियार है। समाजिक न्याय की तागत काफी मजबूत है, इसे केवल एक होने की जरूरत है।
परिचर्चा में भाग लेते हुए राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने कहा कि डाॅ0 अम्बेदकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यो ना हो उसकी उपयोगिता लागू करने वाले पर निर्भर करती है। संविधान लागू होने के इतने दिनांे के बाद आज भी देश में समाजिक राजनीतिक गैर बराबरी कायम है। केन्द में भाजपा सरकार बनने के बाद आर्थिक गैर बराबरी की खाई बढ़ती जा रही है। देश में जो स्थितिया जो पैदा की जा रही है उससे संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था पर संकट खड़ा हो गया है।

परिचर्चा को संबोधित करते हुए विधान परिषद के उपसभापति डाॅ0 रामचन्द्र पूर्वे ने कहा कि पिछले दो सौ वर्षाे से मनुस्मृति ही वर्ण व्यवस्था को नियत्रित करता है। यह वर्ण व्यवस्था ही समानता, स्वतंत्रता और भाईचारा को सबसे बड़ा बाधक बना हुआ है। देश का भला तब तक नहीं हो सकता जब तक की अंतिम पैदान के लोग मुख्य धारा में नहीं आ जाये। लालू जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बहुत बड़ा बदलाव आया था और अंतिम पैदान के लोगों को पहली बार अपने संवैधानिक अधिकारों का एहसास हुआ साथ ही सदियों की गुलामी के जकड़न से अपने को मुक्त महशूस किए जो यथास्थितिवादियों को खटक रहा है।

आज के परिचर्चा को उक्त वक्ताओं के अतिरिक्त पूर्व मंत्री रामलखन राम रमण, शिवचन्द्र राम, विधायक सतीश दास, पूर्व विधायक राजेन्द्र राम, शक्ति सिंह यादव, पूर्व डी.जी.पी. अशोक गुप्ता के साथ ही डाॅ0 उर्मिला ठाकुर, कुमर राय, श्रीमति मुकुन्द सिंह, श्री अवधेश राणावत, डाॅ0 अकमल ने भी संबोधित किया। परिचर्चा की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वृषिण पटेल ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री उदय नारायण चैधरी, राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक, बीनु यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश पासवान, मुजफ्फर हुसैन राही, मंत्री डॉ शमिम, पूर्व सांसद सरफराज अहमद, अनिल सहनी, अर्जुन यादव, प्रदेश प्रवक्ता, चितरंजन गगन, श्रीमति एज्या यादव, सारीका पासवान, प्रो. रामबली सिंह चन्द्रवंशी, मुकेश रौशन, संजय गुप्ता, सुदय यादव, ऋषि कुमार यादव, रणविजय साहू, विजय सम्राट, राजेश कुमार सिंह, मंजू अग्रवाल, मुन्नी रजक, फतेह बहादुर सिंह, निरंजन राय, रामवृक्ष सदा, राजेश कुमार गुप्ता, चन्द्रहास चैपाल, केदार गुप्ता, अनिल यादव, समता देवी, आजाद गांधी, रामविलास पासवान, सीताराम यादव, रामावतार पासवान, सहित देवकुमार चैरसिया, गौतम कृष्ण, अरविन्द सहनी, सिपाही लाल महतो, शोभा कुशवाहा, राजेश यादव, नन्दु यादव, प्रमोद राम, निर्भय अम्बेडकर, मधु मंजरी, संजय कुमार के अलावा कई अन्य विधायक, पूर्व विधायक और पार्टी नेता उपस्थित थे।

राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि कल अंतिम दिन प्रश्नावली उत्तर का सत्र होगा और वरिष्ठ नेताओं का सम्बोधन होगा। परिचर्चा में राज्य के लगभग 100 प्रतिभागी भाग ले रहे है। अगले चरण में अनुमंडल स्तर पर ‘‘अम्बेदकर परिचर्चा का आयोजन’’ किया जायेगा। जिसमें अनुमंडल के अंतर्गत आने वाले सभी पंचायतों के प्रतिभागी भाग लेंगें।

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