22 सितम्बर सोमवार क़ो होगा कलशस्थापन 02 अक्टूबर को होगा विजयादशमी :- पंडित तरुण झा

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान डॉ रहमान चौक सहरसा बिहार के संस्थापक एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा जी के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर से है और इसी तिथि से अगले दस दिनों तक शक्ति की साधना और आराधना शुरू हो जाएगी और ग्यारहवें दिन विजयादशमी होगी, इस वर्ष चतुर्थी की पूजा दो दिन होगी,बताते चलें की दस दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर “गजारुढ़ाया” यानी देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा, शास्त्रों के अनुसार भगवती के हाथी पर आने से अत्यधिक बारिश होती है, जो इस वर्ष दिखाई भी दे रही है, साथ ही प्रस्थान “नरवाहनाया” की सवारी के साथ होगा, ये शुभदायक माना जाता है!
बताते चलें की दुर्गा सप्तशती पाठ का एक अध्याय ही सही,माँ दुर्गा की आराधना, आरती एवं देवी क्षमा प्रार्थना हर घर में होना चाहिये!
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार 22 सितंबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से 07 बजकर 27 मिनट से पहले एवं सुबह 09 बजे से दोपहर 03 बजे तक शुभ समय है, वैसे प्रतिपदा तिथि पुरे दिन है, सुविधानुसार आप कलश स्थापन कर सकते हैं!
मिथिला विश्वविद्यालय पंचांग के अनुसार,माता के सभी पूजा का विवरण इस प्रकार है:-
******************
22 सितंबर 2025 सोमवार:-शारदीय नवरात्रारम्भ:, कलशस्थापनं,माता शैलपुत्रीदर्शनं !!
23 सितंबर 2025 मंगलवार:-श्रीरेमन्त पूजा, माँ ब्रह्मचारिणी देवी दर्शनं!!
24 सितंबर 2025 बुधवार:-माता चंद्रघंटा देवी दर्शन!!
25 एवं 26 सितंबर 2025 गुरुवार एवं शुक्रवार :-मां कूष्मांडा देवी दर्शन एवं पूजन!!
27 सितंबर 2025 शनिवार:- स्कन्दमातादर्शन!!
28 सितम्बर 2025 रविवार:-बिल्वाभिमंत्रनं, गजपूजा, माँ कत्यायनी देवीदर्शनम!!
29 सितम्बर 2025 सोमवार:-नव पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशापूजा, रात्रि जागरण, भगवती दर्शन!!
30 सितम्बर 2025 मंगलवार:- महाअष्टमी व्रतं, दीक्षा ग्रहण, महा गौरीदेवीदर्शनं!!
01 अक्टूबर 2025 बुधवार:- महानवमीव्रतं, त्रिशूलनी पूजा,दीक्षा ग्रहण, हवनादि:!!
02 अक्टूबर 2025 गुरुवार:- विजया दशमी, देवी विसर्जनं, जयंतीधारणम, अपराजिता पूजा, नीलकंठ दर्शनम!!!