टीबी मुक्त भारत अभियान में किशनगंज की उल्लेखनीय प्रगति, 14 हजार से अधिक जांचें, 1022 मरीज नोटिफाइड

किशनगंज,24 जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, टीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में किशनगंज जिला लगातार ठोस कदम उठा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मिशन निदेशक (MD-NHM) द्वारा बिहार के सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ की प्रगति की समीक्षा की गई। किशनगंज में जिलाधिकारी विशाल राज की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम सहित अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
जनवरी से मई 2025 के बीच 14,052 लोगों की जांच, 1022 मरीज नोटिफाइड
बैठक के दौरान प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया कि जिले में जनवरी से मई 2025 के बीच 14,052 लोगों की टीबी जांच की गई, जिनमें से 441 मरीज सरकारी स्रोत से और 581 निजी स्रोत से नोटिफाइड हुए। केवल मई माह में ही 227 नए मामलों की पहचान (62 सरकारी + 165 निजी) की गई, जो समुदाय स्तर पर टीबी जांच में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
सह-रुग्णता की जांच से सामने आए HIV और डायबिटीज के मामले
जनवरी से अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार, 780 नोटिफाइड मरीजों में से 20 मरीज एचआईवी पॉजिटिव, 32 डायबिटिक, तथा 4 एंटी-डायबिटिक मरीज पाए गए। इससे यह स्पष्ट होता है कि टीबी के साथ सह-रुग्णताओं की पहचान और उनका प्रबंधन भी उतना ही जरूरी है।
निश्चय योजना के तहत 680 मरीजों को मिलेगी पोषण सहायता
जिले को ₹25 लाख की राशि निश्चय पोषण योजना के तहत प्राप्त हुई है। 944 पात्र मरीजों में से 680 के बैंक खाते वैलिडेट हो चुके हैं, जिन्हें ₹1000 प्रति माह के हिसाब से पोषण सहायता दी जाएगी। डीएम ने निर्देश दिया कि शेष लाभार्थियों के खातों की त्वरित सत्यापन कर जल्द भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
‘निश्चय मित्र’ योजना पर जोर, माइक्रोप्लानिंग के निर्देश
वीसी के दौरान मिशन निदेशक, एनएचएम ने निर्देशित किया कि सभी जिलों में मेडिकल अधिकारियों के साथ बैठक कर टीबी उन्मूलन की माइक्रोप्लानिंग तैयार की जाए। साथ ही ‘निश्चय मित्र’ योजना को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों, व्यवसायियों, पंचायत प्रतिनिधियों को टीबी मरीजों को गोद लेने व फूड बास्केट देने की पहल शुरू करने को कहा गया।
सामुदायिक भागीदारी है सफलता की कुंजी: डीएम विशाल राज
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “टीबी केवल एक स्वास्थ्य समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक चुनौती है। इसके उन्मूलन में समुदाय की भागीदारी, समय पर जांच, इलाज और जनजागरूकता बेहद जरूरी है। आशा, आंगनबाड़ी, एनजीओ, स्कूल-कॉलेज और मीडिया की भागीदारी इसे संभव बना सकती है।”
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता: “सिर्फ पहचान नहीं, संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ”
डॉ. मंजर आलम ने बताया कि विभाग केवल मरीजों की पहचान नहीं, बल्कि उपचार, पोषण और परामर्श के हर स्तर पर कार्य कर रहा है। प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती से सह-रुग्णताओं की जांच भी सुदृढ़ हुई है।
प्रचार-प्रसार के निर्देश, ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों पर रहेगा जोर
डीएम ने आईईसी गतिविधियों, रैली, पोस्टर-बैनर, लोकगीत, सामुदायिक बैठकें आदि माध्यमों से ग्रामीण और शहरी इलाकों में टीबी के लक्षण, जांच और मुफ्त इलाज की जानकारी फैलाने के निर्देश दिए।
किशनगंज जिले ने टीबी रोकथाम, जांच, उपचार और पोषण सहायता जैसे क्षेत्रों में प्रभावी काम करते हुए ‘टीबी मुक्त भारत 2025’ के लक्ष्य की ओर तेज़ी से कदम बढ़ाया है और यह अन्य जिलों के लिए एक प्रेरक मॉडल बनकर उभर रहा है।