राजनीति

अतिपिछड़ा वर्ग के सबसे बड़े रहनुमा हैं नीतीश कुमार – जद (यू)

मुकेश कुमार/रविवार को जनता दल (यू) के प्रदेश कार्यालय, पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व सांसद श्री चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, प्रकोष्ठों के संयोजक प्रो. नवीन आर्य चंद्रवंशी, प्रदेश प्रवक्ता श्री अरविन्द निषाद तथा मीडिया पैनलिस्ट श्री किशोर कुणाल ने संयुक्त रूप से पत्रकारों को संबोधित किया।

वक्ताओं ने मा0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच, सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और समावेशी विकास की नीति को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में अतिपिछड़ा वर्ग के सशक्तिकरण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री के पहल पर क्ठज् प्रणाली के माध्यम से अब तक 50 लाख से अधिक पिछड़ा एवं अतिपिछड़ा छात्रों को ₹786 करोड़ की छात्रवृत्ति सीधे उनके खातों में भेजी जा चुकी है। इससे आर्थिक बाधाएं छात्रों की शिक्षा में अब रुकावट नहीं बन रही हैं। यह हमारे नेता की जनोन्मुखी दृष्टि और समावेशी सोच का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत न्च्ैब् प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को ₹1 लाख तथा ठच्ैब् सफल अभ्यर्थियों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना ने उच्च शिक्षा को पहले से अधिक सुलभ बनाया है। वहीं, जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास की स्थापना से छात्रों को सुरक्षित और गरिमापूर्ण आवास की सुविधा मिल रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री अतिपिछड़ा वर्ग मेधावी योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 में 3 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं। आगामी वर्ष 2024-25 के लिए सरकार ने ₹598 करोड़ की राशि निर्धारित की है, जो इस वर्ग की शिक्षा को नई उड़ान देगा।

 

वक्ताओं ने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने ‘अतिपिछड़ा कल्याण विभाग’ का गठन कर इस वर्ग की समस्याओं को सरकारी प्राथमिकताओं में शामिल किया। अतिपिछड़ा आयोग की स्थापना, न्यायपालिका में आरक्षण की पहल तथा पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण के माध्यम से इस वर्ग को सत्ता में हिस्सेदारी दी गई, जिससे सामाजिक न्याय को जमीनी मजबूती मिली है।

साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि श्री नीतीश कुमार ने बार-बार केंद्र सरकार से राष्ट्रीय स्तर पर अतिपिछड़ा वर्ग का वर्गीकरण किए जाने की मांग की है, ताकि बिहार की तरह देशभर में भी इस वर्ग को कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ मिल सके, जबकि विपक्ष इस मुद्दे पर मौन साधे रहता है।

वक्ताओं ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस ने केवल ‘अत्यंत पिछडा’ कहकर वोट बैंक की राजनीति की, लेकिन इस वर्ग के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया। उन्होंने नेता विपक्ष राहुल गांधी से सवालिया लहजे में पूछा कि सिन्हो आयोग का गठन 2006 में हुआ, लेकिन 2010 में दी गयी आयोग की सिफारिशों को 2014 तक कांग्रेस ने लागू क्यों नहीं किया? जिसमें 10ः आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव और ₹10,000 करोड़ का कल्याण कोष, ये सब सिर्फ़ कागज़ों में क्यों रह गए? क्या कांग्रेस को सच में अतिपिछड़ों की चिंता थी या सिर्फ़ दिखावे की राजनीति चल रही थी?

अंत में उन्होंने बताया कि कर्पूरी रथ राज्य के 40 जिलों का भ्रमण कर चुकी है। इस दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि अतिपिछड़ा समाज एकजुट होकर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार पर अपार विश्वास जता रहा है। यह वर्ग अब न केवल जागरूक हुआ है, बल्कि उसने यह भी भलीभांति समझ लिया है कि उसका सच्चा हितैषी कौन है।

 

 

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