
मुकेश कुमार/जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि सारे लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार बिहार में आरक्षण व्यवस्था के अग्रदूत हैं और जातीय जनगणना भी नीतीश कुमार के ही दिमाग की ऊपज है , उनकी मेहनत का नतीजा है । यह हैरत की बात है कि लालू राबड़ी के पंद्रह वर्षों में किसी प्रकार का आरक्षण लागू करने की बात तो दूर, अतिपिछड़ों के आरक्षण को खत्म करने की साजिश पालनेवाले लोग आज आरक्षण के मसले को लेकर सीएम नीतीश को पत्र लिख रहे हैं । दरअसल सामाजिक न्याय और गरीब गुरबों के विकास के मोर्चे पर बुरी तरह पिछड़ चुके तेजस्वी यादव की स्थिति खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। राजद का इतिहास रहा है कि जब लोग सत्ता में रहते हैं तो अपने परिवार कल्याण में लगे रहते हैं और सत्ता से हटते ही इन्हें आरक्षण और विकास की बात याद आने लगती है। तेजस्वी यादव को यह समझने की आवश्यकता है कि सीएम नीतीश ने बिहार में आरक्षण व्यवस्था पर एक बड़ी लकीर खींच दी है और बिहार का वंचित तबका उनकी नीति और नीयत का मुरीद हो चुका है ।