*पंचतत्व में विलीन हुए पश्चिमी इंग्लिश गांव के लाल दिवंगत जवान धीरज।…*
*बिहटा सोन नदी घाट पर गॉड ऑफ ऑनर के साथ जवानों ने दी अंतिम विदाई।..*

*जवान का पार्थिव शरीर पश्चिमी इंग्लिश पहुंचते ही भारत माता की जय से गूंज उठा पूरा गांव*
गुड्डू कुमार सिंह/आरा।तरारी प्रखण्ड क्षेत्र अन्तर्गत इमादपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पश्चिमी इंग्लिश के जवान धीरज कुमार का पार्थिव शरीर रविवार शाम 4 बजे उनके पैतृक गांव पहुंचा। जहां अंतिम दर्शन के लिए हजारो की संख्या में इलाके के लोग, अधिकारी और सेना के जवान मौजूद रहे। इसके बाद पैतृक गांव पश्चिमी इंग्लिश से अंतिम संस्कार के लिए बिहटा सोन नदी पार्थिव शरीर को ले जाया गया, जहां रास्तेभर लोगों ने भारत माता के इस सपूत के जय-जयकार की। सेना के जवानों द्वारा राजकीय सम्मान के साथ शहीद जवान को सलामी देकर अंतिम संस्कार किया । गौरतलब है कि शिमला में तैनात ईमादपुर थाना क्षेत्र के पश्चिमी इंग्लिश गांव निवासी आर्मी जवान की ड्यूटी के क्रम में हृदयाघात से मौत हो गयी। मृत सैनिक धीरज सिंह ,अवधेश सिंह का 30 वर्षीय पुत्र था। घटना शुक्रवार की है। धीरज की पोस्टिंग शिमला में रामपुर कैंप में हुआ था। दो माह छुट्टी काटकर 5 अगस्त को शिमला अपने ड्युटी पर गए आर्मी जवान धीरज कुमार की अचानक मौत की खबर सुनकर परिजन से लेकर अन्य सगे संबंधी काफी दुखित हैं।
*धीरज तेरा नाम रहेगा… नारों से गूंज उठा इलाका*
दिवंगत सेना के जवान धीरज का पार्थिव शरीर जब उनके गांव पश्चिम इंग्लिश पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। “जब तक सूरज चांद रहेगा धीरज तेरा नाम रहेगा ..” के नारे तथा भारत मां के जयकारों से इलाका गूंज उठा। तिरंगे मे लिपटे दिवंगत जवान को देख लोगों की आंखें नम हो गई तथा परिजनों की चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया।
*पत्नी और परिवार के सब्र का बांध टूटा*
जैसे ही दिवंगत जवान धीरज का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा तो अब तक किसी तरह खुद को संभाल रहीं पत्नी निशु कुमारी के सब्र का बांध टूट गया और जीवन साथी के बिछडऩे का गम आंशुओं के रूप में बह निकला। धीरज की 1 वर्षीय मासूम बेटी आरुषि जो इस घटना से अन जान थी माँ को रोते देख खुद को रोक नहीं पाई और फफक फफक रो पड़ीं। पश्चिमी इंग्लिश के लाल और अपने लाडले, बेटे, भाई को अंतिम बार देखने के लिए समूचे परिवार और रिश्तेदारों के साथ आसपास के गांवों से भी सैकड़ों लोग शहीद के गांव पश्चिम इंग्लिश में पहुंचे थे।
*सात भाई बहनो में सबसे छोटा था दिवंगत जवान धीरज*
धीरज तीन भाईयों में सबसे छोटा था। बड़ा भाई राजकुमार किसान है और अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। दूसरा भाई राजकिशोर सिंह भी आर्मी में हैं। जो कश्मीर में पोस्टेड हैं। धीरज 2011 में मैट्रिक की परीक्षा बिहटा हाई स्कूल से उत्तीर्ण होने के बाद डिहरी से आईटीआई किए। उसके बाद 2015 में नासिक में आर्मी में आर्टिलरी कोर पद पर बहाली हुआ। नासिक में दो वर्ष बाद पठानकोट तबादला हुआ उसके बाद जम्मू-कश्मीर उसके बाद 2 साल से शिमला के रामपुर कैंप में थे। धीरज के बड़े भाई राजकुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 5 किलोमीटर बीपीटी दौड़ जो पीठ पर वजन और हथियार लेकर दौड़ाया जाता है कर वापस अपने बैरक में आये थे। तभी सांस फूलने की गम्भीर समस्या उत्पन्न हुई। जिसके बाद मौत होने की घटना की सूचना हमलोगों को दी गयी है। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही मृतक जवान के भाई राजकिशोर सिंह रामपुर पहुंच गए हैं।
*5 अगस्त को छुट्टी काटकर गए थे शिमला*
धीरज दो माह की छुट्टी पर घर आये थे। छुट्टी पूरा होने के बाद 5 अगस्त को घर से शिमला के लिए निकले थे। अभी मात्र 13 दिन ही हुए थे गांव से शिमला गए हुए की अचानक मौत होने की खबर सुनकर परिवार यकीन ही नहीं कर रहा था कि बहादुर और नौजवान घर का लाल सदा के लिए दुनिया छोड़कर चला गया।
अतिम संस्कार में शिमला से चतकर आए 172 मिडियम रेजिमेन्ट के नायक सुबेदार उमाशंकर ,हवलदार जय प्रकाश ठाकुर ,समेत दानापुर से दर्जनो जवान समेत एसडीओ अमरेन्द्र चौधरी ,डीएसपी राहुल सिंह ,विडियो अशोक कुमार जिज्ञासु ,थानाघ्यक्ष ओम प्रकाश ,तरारी पूर्व भाजपा प्रत्याशी ,कौशल विधार्थी ,सहार जीला पार्षद लक्ष्मण सिंह ,तरारी जीला पार्षद जीतेन्द्र प्रताप सिंह ,प्रमुख धमेन्द्र सिंह ,राजद प्रखण्ड अध्यक्ष लालबाबू सिंह ,भाजपा सिकरहटा मंडल अध्यक्ष रामानुज सिंह ,पिन्टू राय ,बज्रेश राय,,पिन्टू मौआर ,संजय सिंह ,बजरंगी साह ,चरपोखरी राजद प्रखण्ड अध्यक्ष सत्यनारायण यादव ,बिहटा मुखिया प्रतिनिधी जितेन्द्र प्रताप सिंह समेत हजारो लोग शामिल थे।