किशनगंज : फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में अहम पहल: ठाकुरगंज प्रखंड में 20 अगस्त से शुरू होगा नाइट ब्लड सर्वे
बंदरबारी और चुरली ग्राम में विशेष अभियान, स्वास्थ्य विभाग ने की सहयोग की अपील

किशनगंज,19अगस्त(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने एक और बड़ा कदम उठाया है। 20 अगस्त से ठाकुरगंज प्रखंड के दो ग्रामों – बंदरबारी और चुरली – में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के जरिए फाइलेरिया जैसे साइलेंट रोग की समय रहते पहचान कर उसके प्रसार को रोका जाएगा।
20 से 27 अगस्त तक दो चरणों में चलेगा सर्वे
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि सर्वे का पहला चरण 20 से 23 अगस्त तक भातगांव पंचायत के बंदरबारी ग्राम में चलेगा, जबकि दूसरा चरण 24 से 27 अगस्त तक बेसरबटी पंचायत के चुरली ग्राम में आयोजित होगा। प्रत्येक गांव में 300 लोगों के रक्त नमूने लिए जाएंगे, जिन्हें जांच के लिए पटना भेजा जाएगा।
फाइलेरिया की पहचान के लिए रात में होती है जांच
फाइलेरिया का परजीवी मुख्य रूप से रात में सक्रिय होता है, इसी कारण सर्वे रात 8:30 बजे से 12 बजे तक किया जाएगा। प्रत्येक चयनित स्थल पर चार सदस्यीय टीम तैनात रहेगी जिसमें लैब टेक्नीशियन, आशा कार्यकर्ता, बीसीएम/बीएचएम और सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
हर स्वस्थ व्यक्ति भी कराए जांच: डॉ. मंजर आलम
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षण तुरंत सामने नहीं आते और यह रोग वर्षों तक शरीर में छिपा रह सकता है। इसलिए जरूरी है कि सामान्य और स्वस्थ दिखने वाले लोग भी जांच कराएं। लक्षणों में बुखार, खुजली, पैरों में सूजन, हाथीपांव और हाइड्रोसील शामिल हैं। उन्होंने कहा कि “यह रोग एक बार गंभीर रूप लेने के बाद स्थायी रूप से ठीक नहीं होता, लेकिन समय रहते पहचान से जटिलताओं से बचा जा सकता है।”
जागरूकता से ही मिलेगा सफलता का मार्ग
सिविल सर्जन ने बताया कि चयनित गांवों में बैनर, पोस्टर और माइकिंग के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। “यह अभियान तभी सफल होगा जब लोग स्वयं आगे आकर जांच करवाएं,” उन्होंने कहा।
फाइलेरिया मुक्त जिला बनने की ओर एक कदम और
डॉ. आलम ने बताया कि इस चरण में कुल 600 लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि “टास्क एसेसमेंट फेज के तहत जिनमें पॉजिटिव किट टेस्ट आएंगे, उनमें आगे नाइट ब्लड सर्वे किया जाएगा। अगर यह अभियान सफल रहा, तो किशनगंज फाइलेरिया मुक्त जिला बनने की दिशा में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लेगा।”
स्वास्थ्य विभाग की अपील:
जिले के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस सर्वे में सक्रिय भागीदारी करें, भले ही वे पूरी तरह स्वस्थ हों। यह न केवल उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा है, बल्कि पूरे समाज को फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाने की एक अहम जिम्मेदारी भी है।