नई जनरेशन…..
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पटना डेस्क:-आधुनिक शिक्षित नई जनरेशन कहती हैं कि वो जात पात, ऊंचनीच, छुआछूत नहीं मानती लेकिन क्या :-
लैट्रिन साफ करके आए, स्वीपर को कौन किचन में घुसाकर, उसके हाथ का बना खाना खाता हैं ? छुआछूत के स्थान पर हाइजिनिक बोल देने से क्या कर्म बदल गया ??
आईएएस के बच्चे ड्राइवर से शादी करते हैं क्या ?
आर्मी व पुलिस की ड्रेस, सामान्य व्यक्ति पहन कर घूमें, तो उसे दंड क्यों मिलता हैं??
* सोसायटी की स्विमिंग पूल या पानी की टंकी का बाहरी लोग उपयोग क्यों नहीं कर सकते, नहाने व पीने के पानी में भी भेदभाव क्यों हैं??
व्यवस्था वही मनुवाद वाली हैं बस संस्कृति के स्थान पर स्टाइल शब्द करके, यानि हिंदी अंग्रेजी के खेल के कारण, लोग भूमित हो गए, रिश्ता वही सोच नई। माना 1% लोग ऐसा नहीं करते होंगे, लेकिन आकलन तो बहुसंख्यक के आधार पर ही किया जाता हैं। विजय सत्य की ही होगी।