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गंगा नदी में *नाव दुर्घटनाओं के रोकथाम एवं सुरक्षित परिचालन* हेतु डीएम ने दिया महत्वपूर्ण निदेश।।…

आपातकालीन स्थिति को छोड़कर *किसी भी परिस्थिति में सूर्यास्त होने के पश्चात नाव का परिचालन प्रतिबंधित* : डीएम

*ओवरलोडिंग या अंधेरा के पश्चात* नाव परिचालन के मामले में *नाविक/नौका मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई* की जाएगी: जिलाधिकारी ने जारी किया आदेश

महत्वपूर्ण घाटों पर *गश्ती एवं अनुश्रवण* करें: डीएम ने पदाधिकारियों को दिया निर्देश

*गंगा नदी के दियारा क्षेत्रों में विशेष निगरानी की आवश्यकता : डीएम*

*लोग अनावश्यक नदी में न जाएँ: डीएम ने किया आह्वान*

*सुरक्षित परिचालन एवं नाव दुर्घटनाओं के रोकथाम हेतु सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, सक्रिय एवं तत्पर: डीएम*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-पटना, सोमवार, दिनांक 29 अगस्त, 2022: जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा गंगा नदी में *नाव दुर्घटनाओं के रोकथाम एवं सुरक्षित परिचालन* हेतु महत्वपूर्ण निदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा है कि गंगा नदी के जलस्तर में *अप्रत्याशित वृद्धि* होने के कारण *आवश्यक सतर्कता* बरती जाए। *नाव दुर्घटनाओं के रोकथाम एवं सुरक्षित परिचालन* हेतु सभी तरह की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों, जिला परिवहन पदाधिकारी, अंचलाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को निदेश देते हुए डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। कई स्थानों पर गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर अथवा करीब है। ऐसी परिस्थिति में *सभी स्तर पर सतर्कता बरतना* अपेक्षित है। *खासकर गंगा नदी के दियारा क्षेत्रों में विशेष निगरानी की आवश्यकता है।* नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण निजी नाव मालिकों द्वारा क्षमता से अधिक व्यक्तियों को बैठाकर नाव का परिचालन कराया जाता है जिससे नाव दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। ऐसी स्थिति में *सुरक्षा के दृष्टिकोण* से नाव के परिचालन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं हो।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा नदी में सुरक्षित नाव परिचालन हेतु *पूर्व में भी* विभिन्न पत्रों के माध्यम से विस्तृत निदेश दिया गया है। वर्तमान परिवेश में सुरक्षा दृष्टिकोण से निम्नलिखित एहतियात/उपाय/कार्रवाई किया जाना अत्यावश्यक है:-

(1) नाव परिचालन के दौरान *आदर्श नौका संचालन नियमावली, 2011* के प्रावधानों के अनुसार सुरक्षा संबंधी सभी उपकरण एवं व्यवस्थाएं परिचालन होने वाले नावों पर सुनिश्चित कराया जाय।

(2) *किसी भी परिस्थिति में नाव की लदान क्षमता से अधिक संख्या में लोग नाव पर सवार नहीं हो, इसे सुनिश्चित कराया जाय।*

(3) *आपातकालीन स्थिति को छोड़कर किसी भी परिस्थिति में* सूर्यास्त होने के पश्चात नाव का परिचालन *प्रतिबंधित* है।

(4) गंगा नदी के महत्वपूर्ण घाटों पर जहाँ से सवारी को लेकर नावें परिचालित होती हैं वहाँ आमजन के लिए आवश्यक सूचनाएं यथा *नाव के आकार के अनुरूप लदान क्षमता, क्षमता से अधिक की संख्या में लोग नाव पर सवार न हों एवं अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय से संबंधित सूचना का प्रचार-प्रसार* कराया जाय।

(5) *नाव पर ओवरलोडिंग रोकने एवं आमजन को घाटों के किनारे नहीं जाने हेतु संबंधित घाटों पर पूरी निगरानी रखी जाय।* आवश्यकतानुसार चौकीदार/पुलिस बल आदि की प्रतिनियुक्ति की जाय।

(6) *ओवरलोडिंग अथवा अंधेरा के पश्चात नाव परिचालन के मामले में नाविक / नौका मालिक* के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किया जाय।

(7) सभी महत्वपूर्ण घाटों पर *गश्ती एवं अनुश्रवण* कर यह सुनिश्चित किया जाए कि लोग *अनावश्यक नदी में ना जाएँ।* इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए नाव दुर्घटनाओं के रोकथाम एवं सुरक्षित परिचालन हेतु *सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, सक्रिय एवं तत्पर है।*

 

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