राज्य

कुरमी/कुड़मी(महतो) समन्वरय समिति, झारखंड के शिष्टहमंडल, लालचन महतो के नेतृत्व में श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री से उनके आवास पर किया मुलाकात एवं वार्ता – श्रवण कुमार, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग

अविनाश कुमार/ श्रवण कुमार, पर्यटन मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार के आवास पर कुरमी/कुड़मी (महतो) समन्वय समिति, झारखंड के नेतृत्वकर्ता से समाज एवं राज्य की बेहतरी के लिए विस्तृत बातचीत हुई। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य युवा-युवतियों की शिक्षा, किसानों का विकास, राजनीति में भागीदारी जरूरी है, समय के समाज में बदलाव और राज्य के विकास के लिए प्रेरणा देना, सामाजिक एकता के विकास के लिए संबंध में था।
इस बातचीत में शामिल संस्कृतिमंडल ने कहा कि आज बिहार में जनप्रिय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में जो पिछले कई मंत्रियों से सरकार चल रही है, उनकी सोच का ही परिणाम है, कि आज बिहार के गांव-गांव में बिजली, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा की सुविधा भी सहजता से हो रही है और इसे और सुदृढ करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है, जिससे बिहार की जनता अपनी पसंदीदा कंपनी बन रही है।
शिष्ट मंडल ने आगे यह भी कहा कि आज बिहार में जीविका के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई अच्छे कार्य हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जीविका दीदीयों को विभिन्न अनुश्रवण में सहयोग एवं कार्यकलापों से सम्बद्ध करते हुए महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। जीविका दीदियों को सरकारी मान्यता प्राप्त तालाबों में मछली पालन एवं बत्तख पालन का कार्य किया जा रहा है। विकास पुरुष श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में लगातार विकास हो रहा है एवं हरेक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। उन्होंने महिला समाज की मुख्य धारा में बिहार सरकार के विभिन्न प्रयासों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि बिहार सरकार द्वारा अन्य राज्यों के राज्य सरकारों के लिए कई नीतियां लागू की गईं। बिहार सरकार द्वारा महिलाओं के विकास के लिए जारी की गई मंजूरी की योजना बनाई गई है, उसी प्रकार बिहार की सरकार और जनप्रतिधियों ने झारखंड राज्य से काम करने की पहल की है ताकि हमारा समाज और हमारे राज्य का भी विकास हो सके और झारखंड की जनता भी अपना जीवन खुशहाल बना सके।
इस अवसर पर इस अवसर पर साहित्यमंडल में लाल चंदवा मठ, रांची (झारखंड) के नेतृत्व में साहित्यमंडल में प्रभु मठाथ (बोकारो), कुकुर महतो (बोकारो), सिरोधर महतो (बोकारो), हीरानाथ संखवार (धनबाद), महावीर महतो (रांची), वालेश्वर महतो (रांची) और विट्टु महंत (बोकारो) शामिल रहे।

 

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