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श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री ग्रामीण विकास विभाग बिहार सरकार द्वारा दिनांक 19 अगस्त 2023 को समाहरणालय सभा कक्ष बेगूसराय में ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा की गई।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद -समीक्षा के क्रम में सर्वप्रथम लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत यह देखा गया कि बेगूसराय जिला में शौचालय रहित चिन्हित परिवारों की संख्या 28097 है और निर्मित शौचालय की संख्या 24693 है। यहां पर माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने विशेष रूप से यह निर्देशित किया कि पदाधिकारी इस चीज को अवश्य देखें कि शौचालय की संख्या घरों की संख्या से ज्यादा नहीं हो। सरकार की यह चिंता है कि सभी घरों में शौचालय अवश्य हो लेकिन यह भी देखना हमारा काम है कि घरों की संख्या से शौचालय की संख्या ज्यादा नहीं हो जाए। पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि इसी दृष्टिकोण से 33247 शौचालय को रद्द करना पड़ा था क्योंकि इन लाभुकों द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से भी शौचालय का लाभ ले लिया गया था। इसलिए ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं से उसे अलग करना पड़ा।

ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में यह बताया गया कि गढ़पुरा प्रखंड के मालीपुर पंचायत में स्थल चिन्हित हो चुका है लेकिन निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। स्वच्छता कर्मी और स्वच्छता पर्यवेक्षक का भी चयन नहीं हो सका है। माननीय मंत्री ने इस पर चिंता व्यक्त की कि जब पैसे की कमी नहीं है तो कार्य में विलंब क्यों हो रहा है। जिला समन्वयक द्वारा बताया गया कि कुल 55 अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 123 का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 11 में निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। माननीय मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि इस अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का निर्माण घर, पंचायत भवन, अस्पताल, आंगनवाड़ी केंद्र, जीविका भवन, मंदिर इत्यादि से कुछ दूरी पर ही होनी चाहिए ताकि स्वच्छता भी बनी रहे और लोगों को कोई कठिनाई न हो। साथ ही साथ उन्होंने इस बात का आकलन करने का भी निर्देश दिया कि यदि प्राक्कलित राशि में से ही स्टील के छत की जगह अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का छत पर पक्का का हो जाए तो यह भी ठीक रहेगा। साथ ही साथ इस कार्यालय का दरवाजा अंदर की ओर नहीं खुलकर बाहर की ओर होना चाहिए ताकि यह हवादार भी हो और कार्य करने वालों के लिए भी कोई परेशानी नहीं हो। मंत्री ने कहा कि घर घर से कूड़ा लाने वाले ई-रिक्शा अथवा पैडल रिक्शा में कूड़ा के ऊपर ढक्कन लगाना चाहिए।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि बछवारा प्रखंड में 302 आवास अपूर्ण है। माननीय मंत्री द्वारा पूछा गया कि जब पैसे की कमी नहीं है तो आवास अपूर्ण क्यों है? जिलाधिकारी बेगूसराय द्वारा बताया गया कि आज ही इस बात की समीक्षा कर लाभुकों को राशि भुगतान हेतु कार्रवाई कर ली जाएगी। इंदिरा आवास योजना के तहत पूर्व में स्वीकृत 11324 अपूर्ण है। माननीय मंत्री ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका को कहा कि ऐसे लाभुकों की एक सूची बना लें और जो लाभुक अपने घर को पूरा करने के लिए इच्छुक हैं उन्हें जीविका से जोड़कर उन्हें बैंक से लोन दिलाने की व्यवस्था कराएं। प्रखंड विकास पदाधिकारी एवम् जिला कार्यक्रम प्रबंधक व्यक्तिगत रुचि लेकर जिलाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त का सहयोग लेकर उन्हें इस काम में मदद करें। जब उन्हें इस बात की भावना हो जाएगी कि यह मेरा घर है और मुझे इसे पूरा करना है तो निश्चित रूप से इस ओर प्रेरित होंगे।

मनरेगा योजना की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि 82 श्रमिकों को काम का ऑफर ही नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार जो श्रमिक काम मांगेंगे उन्हें काम देना है। इस पर माननीय मंत्री ने कहा कि यदि कोई श्रमिक किसी कार्य से बाहर चले जाते हैं तो उसकी एक सूची तैयार रखें। पंचायत रोजगार सेवक उनसे एक आवेदन ले ले कि मैं कुछ काम से बाहर जा रहा हूं अथवा मैं काम करने को इच्छुक नहीं हूं। साथ ही मनरेगा से स्वीकृत योजना है जो लंबी अवधि से अपूर्ण है उसकी समीक्षा कर लें और जो लाभदायक योजनाएं नहीं है उसे बंद कर दिया जाए। उप विकास आयुक्त ने कहा कि मैं इसकी समीक्षा करके जो योजनाएं कारगर नहीं है अथवा वर्तमान परिस्थिति में गैरजरूरी है उसे बंद कर दिया जाएगा।

सामाजिक अंकेक्षण की समीक्षा में यह पाया गया कि बेगूसराय जिले में कुल 5 करोड़ 99 लाख 22 हजार 285 रुपए का विचलन अंकेक्षक द्वारा दर्शाया गया है जबकि यह किसी भी स्थिति में विचलन नहीं है। मात्र कागजी काम को पूरा करना है। जिलाधिकारी बेगूसराय ने आश्वासन दिया कि मैं इस प्रकार के विसंगति को तुरंत ही ठीक करवा दूंगा।

जीविका योजना की समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत बैंक से 1305 करोड़ रुपए ऋण के रूप में दिया गया है। लेकिन बेगूसराय जिले में अब तक स्वयं सहायता समूह द्वारा कोई भी ऐसा काम नहीं किया गया है जिसे बेगूसराय के ब्रांड के रूप में जाना जा सके। इस पर माननीय मंत्री ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई तथा उन्होंने कहा कि लगभग 1300 करोड़ रुपए के खर्च के बाद भी अभी तक बेगूसराय जिले में किसी भी ब्रांड को विकसित नहीं किया जा सका है। आप व्यक्तिगत रुचि लेकर इस काम को देखें और जीविका के द्वारा किए जा रहे कार्यों को बेगूसराय के ब्रांड के रूप में विकसित कराएं।

समीक्षा बैठक के बाद माननीय मंत्री द्वारा बेगूसराय सदर प्रखंड अंतर्गत जिनेदपुर पंचायत एवं चांदपुरा पंचायत में निर्मित अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया गया।प्रत्येक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निर्माण ₹7,40,539 की राशि से किया गया है। जहां पर घर-घर से कचड़ा जमा किया जायेगा तथा इसे अलग अलग किया जाएगा तथा उसे बाजार में बेचकर उससे कुछ भी आय भी प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही इस अवसर पर माननीय मंत्री ने वृक्षारोपण का भी काम किया।

समीक्षा कार्य बैठक में बेगूसराय जिला के मटिहानी विधानसभा क्षेत्र के माननीय विधायक श्री राजकुमार सिंह के अलावे जिलाधिकारी बेगूसराय, उप विकास आयुक्त बेगूसराय नगर आयुक्त बेगूसराय, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका, सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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