बगहा

श्री पंकज डंगवाल की सोच और कार्य करने के अनोखे तरीके


कमांडेंट श्री पंकज डंगवाल की सोच और कार्य करने के अनोखे तरीके बगहा वासियों के लिए एक नजीर साबित होगा ।क्योंकि वह केवल अपने अधीनस्थ पदाधिकारी और जवानों की नहीं बगहा वासियों के लिए भी बेहतर सोच रखते हैं। इसका शानदार नमूना यह रहा कि दीपोत्सव (दीवाली )के अवसर पर उन्होंने दीपावली मेला का भव्य आयोजन किया ।खासियत देखिए की सबसे पहले जवानों का हालचाल जाना। तत्पश्चात आमंत्रित अतिथियों के बारे में कुशल छेम जाना । जब डिप्टी कमांडेंट श्री रामवीर सिंह यादव और सहायक कमांडेंट आरबी सिंह ने उन्हें मेला का उद्घाटन करने के लिए कहा। तो उन्होंने यह सारे सुअवसरों के लिए संदीक्षां अध्यक्षा श्रीमती उषा डंगवाल और श्रीमती डॉक्टर कमांडेंट ममता अग्रवाल के जिम्मे कर दिया। सबके साथ खेले खाए एक चीज आनंद लिये ही, लोगों से कुशल से पूछना तक नहीं भूले ।ऊंचाई पर रहकर सब का ख्याल रखना श्री पंकज डंगवाल जी का ही अनोखा रूप हो सकता है ।खोज कर मिलते हैं एवं खरीद कर खाते व खिलाते भी हैं ।
वही हाल श्रीमती उषा डंगवाल जी का है। जब विदा लेने की बारी आई। भाई साहब मेरे तरफ से भी खाते चलिए। ऐसे लोग जब हाकिम होते हैं ।तो पहुंचने वाले लोग का जाने का मन बरबस उनकी तरफ खींचा चला जाता है। चाहे वह 21 वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट जाना है उमाशंकर नशाना हो फिर या निप्पू कुमार पाठक या उपस्थित मौजूद पत्रकार ।सब उनके व्यवहार से अभिभूत रहते हैं ।आज की दीपावली के अवसर पर जो परंपरा उन्होंने शुरू किया या फिर दुर्गा पूजा के अवसर पर उन्होंने माता दुर्गा की पूजा की जो पद्धति शुरू की तथा सारे बगहा के लिए उन्होंने आमंत्रित किया। यह अनोखा अंदाज वास्तव में व्यवहारिक जीवन में सच्चे इंसान का जीवन जीने वाले व्यक्ति के लिए ही कारगर हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button