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देश के लिए पनौती हैं मोदी।…..

भारती मिश्रा रॉंची: झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता आभा सिन्हा ने कहा है कि भाजपा सरकार की नियती कहा जाए या पनौती कि प्रधानमंत्री ने जिस पर भी हाथ रखा या जिसका नाम लिया, उसका सत्यानाश हो गया। अब भी कोई शक रह गया हो तो अपने आसपास देख लीजिए, लोग बेरोजगार हैं, महंगाई चरम पर है, भ्रष्टाचार का चहुओर बोलबाला है, लाखों कम्पनियां बन्द हो गई, बैंक दिवालिया हो गए। हर तरफ भय, भूख और बेरोजगारी का आलम है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी का देश के लिए ग्रह, नक्षत्र ऐसा है कि 2014 के बाद से जब से ये आए हैं, देश को केवल नुकसान ही झेलना पड़ रहा है। हर मोर्चे पर भारत की रैंकिंग गिर रही है, देश में तनाव और गुस्सा बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले देश की जीडीपी 10 प्रतिशत तक थी, लेकिन इनके बैठते ही अब तक के सबसे निचले स्तर यानी माइनस 23 प्रतिशत हो गई, जिससे देश में बेरोजगारी और भूखमरी बढ़ गई। मोदी के हर साल दो करोड़ रोजगार का जिक्र करते ही देश में बेरोजगारी अपने अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी कश्मीर दौरे पर जाने वाले थे, इसके पहले ही वहां बाढ़ आ गई। इस बाढ़ में करीब 550 लोगों ने अपनी जान गंवाई और भारत के 6000 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ। मोदी के 2019 में दोबारा कुर्सी पर बैठने के कुछ ही महीने बाद पूरा देश कोरोना से त्राहिमाम हो गया। दुनिया में सबसे अधिक लोग भारत में मरें। ऐसी बीमारियां सैकड़ों सालों में एकाध बार आती है, सो वो मोदी सरकार में ही आईं।

उन्होंने कहा कि घर के बुजुर्ग कहते हैं कि बर्तन पीटना अशुभ होता है,लेकिन मोदी ने कोरोना काल में लोगों से इतना थाली और बर्तन बजवाएं कि देश में भूखमरी आ गई, भारत के 80 करोड़ लोग पांच किलो गेहूं और पांच किलो सरकारी चावल लेने पर मजबूर हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से जब से ये आए हैं न भारत ने क्रिकेट में कोई आईसीसी ट्रॉफी जीती है न ही कोई प्रतियोगिता। सीनियर टीम इंडिया ने आखिरी बार 2013 में आईसीसी ट्रॉफी जीती थी। इसके बाद महिला और पुरुष दोनों ही सीनियर टीम कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी है। मोदी ने चन्द्रयान के लांचिंग से पहले देश को लांचिंग की बधाई दे दिया, फिर यान ही क्रैश हो गया। मोदी ने देश के बाहर भी जिसपर नजर डाली, जहां गए, वहां केवल हार और नुकसान ही हुआ।

उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पड़ोसी देश नेपाल गए, इनके वापस लौटने के कुछ ही महीने बाद नेपाल में इतना भीषण भूकंप आया कि वहां के कई हजार लोग मर गए, अभी तक भी वहां के लोग इससे उबर नहीं पाए हैं। मोदी ने जिसको गले लगाया, वह दोबार गद्दी नहीं पाया। अब आप चाहें तो पाकिस्तान के पीएम इमरान खान, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और इंग्लैंड के पीएम बोरिस जानसन को देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी के अमेरिका जाते ही वहां अब तक के इतिहास के सबसे अधिक तूफान आए, सैकड़ों लोग मरें, कई हजार करोड़ का नुकसान हुआ। मोदी अफगानिस्तान गए तो वहां पर भी भूकंप आया। मोदी ने श्रीलंका, नेपाल और ब्राजील के प्रधानमंत्री को भी गले लगाया था, ये तीनों चुनाव हार गए।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की ऐसी-तैसी करने वाली भापा सरकार में नौजवान से लेकर किसान तक सब त्रस्त हैं। जनता को भीषण महंगाई और भूखमरी के नर्क में धकेलने वाली भाजपा सरकार पूॅंजीपतियों का एंजेट बन कर रह गई है। चंदा और कमीशन के लालच में सरकार जनता का दुश्मन बन गई है। आपदा में चुनावी अवसर खोजने वाली मोदी सरकार का अमृत काल देश के लिए जहरीला साबित हो रहा है। हर मोर्चे पर देश कमजोर हो रहा है, और देशवासी तबाह।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, इंटरनेट शटडाउन, भूखमरी, स्मार्ट सिटी, कानून का शासन सहित तमाम अन्य इंडेक्स पर भारत की रैंकिंग में विश्वस्तर पर गिरावट आ रही है। लेकिन न्यू इंडिया में किसे परवाह है। गुजरात चुनाव से ठीक पहले मोरबी में पुल का गिरना शायद ईश्वर का संदेश ही था, लेकिन गुजरात की जनता समझने में नाकाम रही।

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