
नवेंदु मिश्र
मेदिनीनगर – पलामू में स्वास्थ्य व्यवस्था की बीमारू हालत को देखकर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की हालत इतनी खराब है कि यहां पर समुचित तरीके से बेड की भी व्यवस्था नहीं है। आखिर इतना बड़ा कॉलेज करोड़ों की लागत से बना हुआ है, कई कर्मचारी पदाधिकारी हैं, लेकिन आम जन के लिए बेड की भी सुविधा यदि नहीं है तो यह या तो अधिकारियों और पदाधिकारी की लापरवाही है या सरकार के प्रति और जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता। जिला अध्यक्ष श्री तिवारी ने बताया कि चियांकी हवाई अड्डा पर उत्पाद सिपाही की बहाली के दौरान बेहोश हुए 25 अभ्यर्थियों को इलाज के लिए अस्पताल आने पर उनमें से कई लोगों को बेड नहीं मिला इस कारण फर्श पर लिटाकर उनका इलाज किया गया। अस्पताल के दीवाल पर बोतल टांग कर अभ्यर्थियों को ग्लूकोज चढ़ाया गया। इन 25 अभ्यर्थियों में से दो अभ्यर्थियों को बेहतर इलाज के लिए रांची रिम्स रेफर कर दिया गया जिसमें से एक अभ्यर्थी की मृत्यु हो गई। ऐसा लगता है कि यह मेडिकल कॉलेज केवल रेफरल कॉलेज ही बनकर के रह गया है। पलामू जिले में भीषण गर्मी से अब तक 60 अभ्यर्थी बेहोश होकर अस्पताल पहुंच चुके हैं जबकि दो लोगों का रिम्स में इलाज चल रहा है। राज्य के बाहर से आए अभ्यर्थियों ने बताया कि उत्पाद सिपाही की बहाली के लिए आए हैं। 400 मीटर की दौड़ के दौरान बेहोश हो गए, लेकिन अस्पताल आने के बाद उन्हें फर्श पर लिटाकर इलाज किया गया । कई अभ्यर्थी तो दौड़ के दौरान अचानक ही बेहोश हो रहे हैं उन्हें अस्पताल में आकर के होश आता है। लेकिन यह अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त से बाहर है मैं इसकी घोर निंदा करता हूं और सरकार से व अस्पताल प्रशासन से यह मांग करता हूं कि अविलंब इस कमी को दूर किया जाए। अगर अचानक किसी दिन सैकड़ो की संख्या में मरीज पहुंच गए तो उनकी हालत क्या होगी जहां केवल 30 बेड ही उपलब्ध है? इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए और यदि इसमें कोई जानबूझकर के लापरवाही बरती गई है तो उन पर कानूनी कार्रवाई अस्पताल प्रशासन को करना चाहिए। इतने बड़े अस्पताल में बहुत से यंत्र खराब पडे हैं उन्हें चलाने वाला कोई नहीं है। सरकारी चिकित्सक जो वरिए चिकित्सक हैं अस्पताल आने में कोताही बरसाते हैं उनका पूरा-पूरा ध्यान अपने निजी चिकित्सा केंद्र पर होता है और इन्हीं अनियमितता के कारण आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, व अपनी जान समय से पहले ही गंवानी पड़ रही है। अतः मैं स्वास्थ्य विभाग के जिला पदाधिकारी से यह मांग करता हूं कि लापरवाह कर्मियों पर उचित कार्रवाई करें। वह अस्पताल प्रशासन को समुचित ढंग से चलाने का कार्य करें अन्यथा भारतीय जनता पार्टी अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध एक बड़े जन आंदोलन को करने पर विवश होगी और इसके लिए उत्तरदाई अस्पताल प्रशासन स्वयं होगा।