भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मानवाधिकार प्रकोष्ठ के सदस्य मनोज पांडेय ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों परअनदेखि और लापरवाही का लगाया आरोप
रंधीर दुबे
पाटन – ग्राम सगुना मे लगभग तिन किलोमिटर मे फैला हुवा 1947 से पहले का बना हुवा फुलधोवई आहर प्रशाशन के अन्देखी के कारण 15 दीन पहले टूट गया जिससे कारण लगा हुवा धान का लाखों का फसल बर्बाद हो गया और अब पानी नहीं रहने के कारण बचा हुवा फसल बर्बादी के कागार पर है इस आहर से लगभग दस गावों मे करोड़ो के फसल की सिचाई होती है ग्राम वासीओं ने इसके मरम्मत के लिए पाटन अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, विधायक , सांसद सभी से अनुरोध किया पर किसी ने भी अपने फंड नहीं दिया।
दुखद बात ये है की वोट के समय मुह लटकाये मोदी जी के नाम पर वोट मांगने आ जाते हैं। मोदी जी के नाम पर आखिर कब तक ऐसे जनप्रतिनिधियों को चुना जाएगा? आने वाले समय में देखने वाली बात होगी, प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस पर क्या संज्ञान लेते हैं यह भी देखने वाली बात होगी हो सकता है कि यह मामला उनके लिए बहुत छोटा हो लेकिन हमारे अन्नदाता किसानों की हालत पहले से दयनीय है, क्योंकि कई वर्षों के बाद इस बार थोड़ी उम्मीद जगी थी जो पानी के साथ बह गई। थोड़ी सी बची हुई उम्मीद पानी की कमी के कारण सुख कर समाप्त हो जाएगी।