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किशनगंज : सदर अस्पताल को बेहतर प्रसव सेवाओं को लेकर मिला केंद्रीय लक्ष्य प्रमाणीकरण

जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री ने स्वास्थ्य विभाग को सराहा

प्रसव सेवाओं की बेहतरी का प्रयास रहेगा जारी: सिविल सर्जन

किशनगंज,17 अगस्त (के.स.)। धर्मेंद्र सिंह, जिले के सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड को केंद्रीय स्तर से लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल हो चुका है। भारत सरकार के द्वारा इसे लेकर प्रमाणपत्र जारी किया गया है। पूर्व में केंद्रीय स्तर की टीम ने अपने निरीक्षण में प्रसव कक्ष के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही सुविधाओं को लक्ष्य के निर्धारित मानक के अनुरूप पाया था। लक्ष्य एसेसमेंट के सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद अस्पताल के लेबर रूम एवं मैटरनल ओटी को लक्ष्य सर्टिफिकेशन दे दिया गया है। केंद्रीय स्तर के लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने पर डीएम श्रीकांत शास्त्री ने सिविल सर्जन, डा कौशल किशोर एवं सदर अस्पताल उपाधीक्षक को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सराहा। वही सिविल सर्जन ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि डीएम श्रीकांत शास्त्री के दिशा निर्देश एवं कर्मियों के अथक प्रयास व सामूहिक सहयोग से यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने इसके लिये प्रसव वार्ड के कर्मियों, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. अनवर हुसैन, डीपीएम डा. मुनाजिम, प्रसव वार्ड में कार्यरत जीएनएम, एएनएम के सहयोग को सराहा। साथ ही कहा जल्द ही पोठिया, कोचाधामन, बहादुरगंज, एवं दिघलबैंक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी लक्ष्य प्रमाणीकरण के साथ साथ कायाकल्प कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर सुविधाए दी जायेगी। अस्पताल के प्रसव वार्ड को केन्द्र से लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने पर खुशी जाहिर करते हुए सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने इसे बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम के तहत मातृ एवं नवजात शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के दौरान एवं उसके बाद गुणवत्ता में सुधार लाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी गर्भवती माताओं को सम्मान पूर्वक देखभाल की सुविधाएं उपलब्ध कराना मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जिले में प्रसव संबंधी बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के प्रति जिला स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है। ग्रामीण इलाके के चिकित्सकीय संस्थानों तक बेहतर प्रसव सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने से प्रसव संबंधी सेवाओं के लिये सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। जो जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगा। सदर अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि एनआरएचएम कार्यक्रम की शुरुआत हुई उस समय हमारे यहां संस्थागत प्रसव तो हो रहे थे लेकिन मातृ व शिशु मृत्यु दर ज्यादा होना चिंता का विषय बना हुआ था। इसे ध्यान में रखते हुए लक्ष्य कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इसका मूल उद्देश्य रिस्पेक्टिव मदर केयर है। उन्होंने कहा कि मातृत्व को एक उत्सव का रूप देने के लिये लक्ष्य प्रमाणीकरण महत्वपूर्ण है। लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल होने का मतलब है कि यहां उपलब्ध सुविधाएं पूरी तरह प्रमाणीकृत व क्वालिटी एप्रूव हैं। डीपीएम स्वास्थ्य ने कहा कि जच्चा व बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है। लक्ष्य प्रमाणीकरण  इसकी एक महत्वपूर्ण कड़ी है। लक्ष्य कार्यक्रम का मूल उद्देश्य प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की सुविधाओं को सुदृढ़ बनाना और इससे जुड़ी हुई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ मुनाजिम ने कहा कि सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2022 में कन्डीशनल लक्ष्य सर्टिफिकेशन किया जा चुका है। किन्तु इस बार लेबर रूम को 94% तथा मैटरनल ओटी को 93% अंक प्राप्त हुआ है, जो गर्व की बात है। इसमें सदर अस्पताल को 03-03 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। लक्ष्य एसेसमेंट के सभी मापदंडों पर खरा उतरने के बाद अस्पताल के लेबर रूम एवं मेटरनल ओटी को राष्ट्रीय स्तरीय लक्ष्य सर्टिफिकेशन दे दिया गया है।

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