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औरंगाबाद : सोननगर पूर्व मध्य रेलवे स्वास्थ्य केंद्र की हालत बदतर, केवल कागज पर चलता है अस्पताल, नहीं आते स्वास्थ्यकर्मी..

बारूण/मयंक कुमार, औरंगाबाद जिला के बारूण प्रखंड स्थित एकमात्र सोननगर जंक्शन जहां पूर्व मध्य रेलवे के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र है।आपको बताते चलें सोननगर जंक्शन के समीप पूर्व मध्य रेलवे का स्वास्थ्य केंद्र मुगलसराय (दीनदयाल उपाध्याय) बरवाडी एवं गया रेलखंड का एकमात्र अस्पताल आज से करीब 25 वर्ष पहले से अब तक रहा है।इस अस्पताल में आज से करीब 25 वर्ष पहले रेलवे कर्मचारी के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों के अलावे डाल्टनगंज, गया, भभुआ इत्यादि दूर-दूर से मरीज यहां इलाज कराते थे।जहां पर सारे सुविधा भी मौजूद रहा करती थी।लेकिन आज की स्थिति ऐसी हो गई है कि इस अस्पताल में ताला जड़े रहते हैं।स्वास्थ्य केंद्र कर्मियों की मनमानी चलती है।निरीक्षण के दौरान देखा गया कि अस्पताल में एक डॉ.राजीव कुमार, दो नर्स पुष्पा चौधरी एवं नीता कुमारी, एक गार्ड विजय कुमार एवं अन्य चार सफाई कर्मी यानी 8 कर्मियों में से मात्र एक सफाई कर्मी दिनेश प्रसाद अस्पताल में मौजूद दिखे। स्वास्थ्य केंद्र में न तो कोई चिकित्सक, ना कोई नर्स, ना कम्पाउंडर यहां तक कि ओडी, दवा स्टोर,जांच घर एवं अन्य कमरे भी बंद दिखे।अस्पताल की व्यवस्था बिल्कुल लचर।अस्पताल में एक चापाकल और वह भी टूटी हुई।एक सप्लाई का नल लगे हैं लेकिन उसमें हमेशा जल नहीं आती। मौके पर उपस्थित सफाई कर्मी दिनेश प्रसाद ने बताया कि डॉ राजीव कुमार डेहरी में रहते हैं।जब कोई मरीज स्वास्थ्य केंद्र में आता है तब उन्हें मोबाइल पर सूचना देकर बुलाया जाता है।उन्होंने बताया कि यहां चापाकल टूट जाने से पीने की पानी की भी दिक्कतें होती है। हम लोग बाहर से बोतल में पानी लेकर के आते हैं।फर्नीचर भी टूटी पड़ी है।अस्पताल के परिसर में लगे फूल बगीचे भी खराब होने की दशा में आ चुकी है।पूछने पर दिनेश प्रसाद कतराते हुए बार-बार पीछे हट जा रहे थे और घबराते हुए बोले मुझे ज्यादा नहीं मालूम बस मैं अकेला डिप्टी करता हूं। हमारा साहेब डेहरी में रहते हैं उनकी आदेश में मैं काम करता हूं। एक सवाल है सरकार से कि कोरोना वायरस महामारी से बचाव हेतू संक्रमित लोगों की लिए इस अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड क्यों नही बनाया गया जबकि इसका वार्ड काफी बड़ा है।कोरोना वायरस के कारण वर्तमान हालात को देखते हुए सरकार को चाहिए था इस स्वास्थ्य केंद्र के परिसर को आइसोलेशन वार्ड बनाया जाता ताकि संक्रमित व्यक्तियों के लिए काफी सहूलियत होती है।लेकिन यहां सरकार के बनाए स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को केवल रजिस्टर में खानापूर्ति करके चलता है।यहां आसपास में चर्चा है कि अस्पताल बंद है।जब बंद है तो स्वास्थ्य कर्मी का नाम केवल कागज पर ही क्यों ? पूछने पर सोननगर जक्शन के प्रबंधक असिम कुमार ने बताया कि सोननगर जक्शन के सभी रेलवेकर्मी आवश्यकतानुसार इलाज के बारूण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या फिर जमुहार नारायण मेडिकल का सहारा लेते है।क्योंकि सोननगर का स्वास्थ्य केंद्र मे चिकित्सक डेहरी से कभी कभी आते हैं और यहां इलाज के लिए उचित व्ववस्था भी नही है।नाम मात्र का है स्वास्थ्य केंद्र।इधर स्थानीय पूर्व विधायक रामचंद्र सिंह ने कहा कि यह स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक नही आते हैं।यहां के महौल मे सबको पता है कि अस्पताल बंद हो गया है। मुझे आज पता चला कि अस्पताल की गतिविधि चल रही है।अगर ऐसा है तो स्वास्थ्य कर्मी का घोर लपरवाही है।इस शिकायत को वरीय अधिकारियों को दी जाएगी। इधर नवीनगर विधायक विरेंद्र सिंह ने कहा जनताहित मे अस्पताल को सक्रिय होना चाहिये।ताकि वहां की जनता को स्वास्थ्य केंद्र का लाभ मिल सके।

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