किशनगंज : जिले में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों का हुआ लाइव ऑडिट।

प्रत्येक माह अस्पताल में मरीजों का किया जाएगा लाइव ऑडिट।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में फर्जीवाड़ा रोकने तथा क्रॉस मूल्यांकन के लिए जिला स्तरीय टीम ने जिले के पंजीकृत प्राइवेट स्वास्थ्य संस्थानों के मरीजों का लाइव ऑडिट किया जा रहा है साथ ही लाभार्थी को मिलने वाले सुविधा का लाभ का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। योजना के तहत किसी भी फर्जीवाड़ा को रोकने के उद्देश्य से लाइव ऑडिट किया जा रहा है। विदित हो कि जिले में अभी तक 1 लाख 68 के आसपास आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। वही 80889 परिवारों को कुल लक्ष्य 217430 परिवार के आलोक में कार्ड निगत किया गया है तथा जिले में अब तक कुल 10 हजार से अधिक लाभुक ने इसका लाभ उठाया है। आयुष्मान भारत के जिला कार्यक्रम समन्वयक कुमार पंकज कुमार ने बताया की योजना से संबंधित सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के द्वारा किए जा रहे ईलाज में उचित प्रक्रिया को अपनाने एवं लाभार्थियों को मिलने वाले सुविधाओं को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से भर्ती मरीजों का लाइव ऑडिट किया जा रहा है, उन्होंने बताया की बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के निर्देशानुसार जिला क्रियान्वयन की इकाई (आयुष्मान भारत) जिला कार्यक्रम समन्वय सह प्रभारी पदाधिकारी कुमार प्रियरंजन तथा जिला आईटी प्रबंधक, प्रभाकर रंजन के द्वारा संयुक्त रूप से प्रत्येक माह इस कार्य को अचूक रूप से किया जाएगा तथा प्रतिवेदन राज्य कार्यालय को भेजा जाना है। एसीएमओ डॉ सुरेश प्रशाद ने बताया आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से केंद्र सरकार गरीब, उपेक्षित परिवार और शहरी गरीब लोगों के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना चाहती है। आयुष्मान भारत योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का मुफ्त इलाज किया जाता है।इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिए डिस्ट्रिक्ट एंटी फ्रॉड यूनिट के अलावा जिले में डीआरजीसी (डिस्ट्रिक्ट ग्रिवांस रेड्रेसल कमिटी) का गठन किया गया है जहां लोग योजना से संबंधित ऑनलाइन तथा ऑफलाइन शिकायत भी कर सकते हैं जिसके तहत किसी भी तरह का शिकायत जैसे पात्र लाभार्थी का कार्ड बनने में परेशानी, चिकित्सा सुविधा में परेशानी, या इलाज में अस्पतालों द्वारा पैसे का मांग उसका समाधान कमेटी के द्वारा किया जाता है इस कमेटी का अध्यक्ष जिला पदाधिकारी को बनाया गया है उपाध्यक्ष सिविल सर्जन को बनाया गया है जिला कार्यक्रम समन्वयक को डिस्ट्रिक्ट ग्रिवांस नोडल ऑफिसर व सदस्य सचिव, एक जिलास्तरीय पदाधिकारी भी हैं जिसे जिला पदाधिकारी द्वारा नामित किया गया है इसके अतिरिक्त एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सदस्य हैं।सिविल सर्जन डॉ. कौशल किशोर ने बतया कि कार्यक्रम की एक विशिष्ट पहलू के तहत जिले में जिला स्तरीय एंटी फ्रॉड यूनिट (डाफू) व डीआरजीसी का गठन किया गया है जहां लोग योजना से संबंधित अपना शिकायत दर्ज करवा सकते हैं उसका निराकरण ससमय ऑफलाइन तथा ऑनलाइन किया जाएगा जो संदेहास्पद मामलों पर निगरानी रखेगा। उन्होंने बताया योजना से संबंधित जिलास्तर पर गठित एंटी फ्रॉड यूनिट का गठन किया गया है जिसके तहत राज्य व राष्ट्रीय स्तर की कमेटी के पास जाने वाली हर शिकायत की जांच जिला स्तर पर बनी कमेटी जाँच करता है जांच कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर ही स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट तथा राष्ट्रीय फ्रॉड यूनिट के द्वारा उचित कार्रवाई की जाती हैं। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी को पूर्व में प्रशिक्षित भी किया गया है। इस यूनिट का मकसद जिला अंतर्गत आयुष्मान योजना से संबंधित सभी सरकारी व प्राइवेट सूचीबद्ध अस्पतालों में संदेहास्पद मामलों (लाभार्थी एवं अस्पतालों) का जांच करना है ताकि फर्जीवाड़ा को रोका जा सके।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य:
स्वास्थ्य सुविधाओं को कुशल बनाना। सभी नागरिकों तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना। नागरिकों के स्वास्थ्य डेटाबेस को गोपनीय रखना। डेटाबेस को समय पर उपलब्ध करवाना। हेल्थ केयर सुविधाओं को सुलभ बनाना।