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बेऊर जेल के कैदियों ने किया बम ब्लास्ट,भागने का था प्लान, एसएसपी ने किया 19 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड…

पटना बेउर जेल में बंद पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट (पीएलएफआई) के दो सदस्यों सोनू कुमार और सिकंदर को छुड़ाने की साजिश मंगलवार को नाकाम हो गई।पटना सिटी कोर्ट से सोनू और सिकंदर सहित 18 कैदियों को लेकर आ रही वैन के दशरथा मोड़ पहुंचते ही उसके अंदर ही पांच बम विस्फोट किए गए।सोनू और सिकंदर ने ही बम पटके थे।घटना में एक कैदी और एक पुलिसकर्मी के घायल होने की बात सामने आ रही है।पीएलएफआई के कुछ सदस्य बाइक से वैन के आगे-पीछे चल रहे थे।उन्होंने बम धमाके के बाद वैन पर गोली भी चलाई।बम फटते ही वैन के अंदर धुआं फैल गया।पूरी घटना में एसएसपी मनु महाराज ने कुल 19 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।इनमें सात सैप के जवान हैं और छह पुलिस अधिकारी भी हैं।एसएसपी ने कहा
कैदियों की साजिश थी कि विस्फोन होने पर वैन रुक जाएगी और वे भाग जाएंगे,लेकिन वैन के ड्राइवर ने ऐसा न होने दिया।
कि चालक राम अयोध्या सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों को साहसी कार्य के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।सोनू और सिकंदर को पटना सिटी कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था।कोर्ट हाजत में ही किसी ने सोनू को फलों से भरा थैला दिया जिसमें 6 बम और 2 रिवाल्वर थी।इसमें कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आ रही है।पुलिस अधिकारी ने एक एसआई से पूछताछ भी की।उसने कहा धमाके के बाद सोनू ने एक पिस्टल उसे जबरन पकड़ा दी जिसे उसने वैन से बाहर फेंक दिया। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास उस रिवाल्वर को ढूंढ़ा लेकिन नहीं मिली।एसएसपी ने कहा यदि किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत सामने आती है तो उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।सोनू और सिकंदर मार्च,2015 में भूतनाथ रोड के एक फ्लैट में हुए बम धमाके के आरोपी हैं।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय से लेकर पटना पुलिस तक में हड़कंप मच गया।एसएसपी,सिटी एसपी सहित कई पुलिस अधिकारी तत्काल बेउर जेल पहुंच गए।घटनास्थल से लेकर बेउर जेल तक को खंगाला गया।बेउर जेल में लगभग तीन घंटे तक छापेमारी चली।
इस दौरान दर्जनभर मोबाइल और कई अन्य सामान बरामद हुए।एहतियातन पुलिस अधिकारियों ने निर्णय लिया कि गांधी मैदान बम ब्लास्ट के आरोपी आगे से जब भी एनआईए कोर्ट में पेशी के लिए जाएंगे सुरक्षा पहले से अधिक सख्त रहेगी।सोनू और सिकंदर के साथ 18 कैदियों को लेकर मैं पटना सिटी कोर्ट गया था।वहां चार कैदियों ने सरेंडर किया था।कुल 22 कैदियों को लेकर मैं सिटी कोर्ट से बेउर के लिए चला।70 फीट पार करने के बाद दशरथा मोड़ के पास पहुंचा ही था कि दो बम गेट पर पटके गए।अचानक धमाके से हमलोग सहम गए।मुझे समझ में ही नहीं आया कि हो क्या रहा है।हमने गाड़ी को खड़ी कर कारण जानना चाहा तब तक ताबड़तोड़ तीन और धमाका हुए।मैंने चिल्लाया कि बम फोड़ दिया है।मोर्चा ले लो सब।इसी बीच सिकंदर या सोनू ने कहा बाहर से कोई बम मार रहा है।गाड़ी खाली कीजिए नहीं तो कोई नहीं बचेगा।गाड़ी के अंदर धुआं ही धुआं था।तभी कुछ सिपाही गाड़ी का गेट खेलकर निकल गए और बाहर से ही गाड़ी का गेट बंद कर दिया।एक सिपाही बाहर से चिल्लाया अंदर ही बम फोड़ा है।गाड़ी दौड़ाइए,नहीं तो अनर्थ हो जाएगा।मैं गाड़ी को बेउर की ओर दौड़ा दिया।डर लग रहा था। दोनों के हाथ में पिस्टल भी थी।वे चाहते तो मुझे मार सकते थे।लेकिन जब तक दोनों कोई और साजिश रचते हम बेउर के पास पहुंच चुके थे।बेउर गेट के अंदर घुसते ही जान में जान आई कि हम बच गए।इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने वैन को घेर लिया।
रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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