अपराध का झूठा आंकड़ा पेश कर भ्रम फैला रहे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव – अंजुम आरा
ऋषिकेश पांडे/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी द्वारा बिहार में अपराध को लेकर झूठी बयानबाजी की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी ने अपने पति की छत्रछाया में बिहार पर शासन किया और उनके शासनकाल में राज्य में महिलाओं की क्या हालत थी ये हर बिहारवासी जानता है।
पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि अपराध को लेकर तेजस्वी यादव के द्वारा साल 2005 से लेकर 2025 तक के एनसीआरबी आंकड़ों की बात करना झूठ का पुलिंदा है। एनसीआरबी की साल 2023 तक की रिपोर्ट में केवल साल 2022 तक का आंकड़ा ही उपलब्ध है ऐसे में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का मीडिया में अपराध को लेकर दिया गया बयान ना केवल झूठा है बल्कि हास्यास्पद भी है।
तेजस्वी यादव से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि बढ़ते अपराध को लेकर उन्होंने 2025 तक आंकड़ा किस आधार पर पेश किया? हकीकत ये है कि साल 1990 से लेकर साल 2005 तक के लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में एससीआरबी की रिपोर्ट के मुताबकि 67 हजार 249 हत्याएं हुई जो कि उस दौरान के जंगलराज की बात को सही साबित करती है। राबड़ी देवी अपने शासनकाल में महिला सुरक्षा के लिए क्या किया? माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार सरकार पर सवाल उठाने से पहले उन्हें अपने कार्यकाल की विफलताओं का जवाब देना चाहिए। जिनके शासन में बिहार ने ‘जंगलराज’ देखा, जहां महिलाएं घर से निकलने में डरती थीं, उन्हें वर्तमान सरकार की आलोचना करने का कोई नैतिक आधार नहीं है। राबड़ी का मुख्यमंत्रित्व लालू के ‘प्राॅक्सी शासन’ का हिस्सा था, जिसमें विकास और सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया गया।
इसलिए लालू परिवार को विकास एवं सुरक्षा पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है एनसीआरबी और बीपीआरडी के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि साल 1990 से लेकर 2005 तक बिहार में पुलिसकर्मियों के खिलाफ 5 हजार 330 हमले हुए और इन हमलों में 1 हजार 901 पुलिसकर्मियों की जाने गई। जबकि इसी दौरान राज्य में कुल 2 हजार 448 नक्सली हमले हुए। वहीं अगर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के शासनकाल के दौरान साल 2006 से लेकर 2022 तक कुल 1 हजार 245 पुलिसकर्मियों पर हमले हुए और इन हमलों में 317 पुलिसकर्मियों की जान गई। इससे साफ जाहिर होता है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार को लेकर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार कितने गंभीर और सजग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जरा इन आंकड़ों पर गौर करना चाहिए और फिर अपराध को लेकर मीडिया में बयानबाजी करनी चाहिए। तेजस्वी यादव से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी शासनकाल के दौरान बिहार में महिलाओं, किसानों, छात्रों, युवाओं की क्या स्थिति थी ये जगजाहिर है। उस दौरान बिहार में अपराधियों का बोलबाला था और मुख्यमंत्री आवास से ही अपहरण को लेकर फिरौती की रकम की डील होती थी। शादी समारोह के दौरान शो रुम से ही गाड़ियां उठवा ली जाती थी और दिन दहाड़े हत्या,लूट और अपहरण आम बात थी।